Heat Wave In UP: उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी ने पिछले कई वर्षों के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आसमान से बरसती आग ने यूपी के तापमान को 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा दिया है। चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों ने प्रदेशवासियों का जीना दूभर कर दिया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, जहां एक ओर गर्मी ने आगरा में चार दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, वहीं दूसरी ओर बुंदेलखंड और मध्य यूपी के चार जिलों में हीट स्ट्रोक के कारण 16 लोगों की मौत हो गई है। इनमें कानपुर में 8, महोबा में 5, हमीरपुर में 2 और कानपुर देहात में एक की मौत की खबर सामने आई है। प्रचंड गर्मी का कहर न केवल आमजन बल्कि जीव-जंतुओं को भी झेलना पड़ रहा है। बांदा जिले में गर्मी की वजह से मछलियों के मरने की भी खबर मिली है। भीषण गर्मी को देखते हुए प्रशासन ने यूपी के कई जिलों में हीटवेव अलर्ट जारी कर दिया है।
आपको बता दें, मंगलवार को यूपी के कई जिलों में पारा 47 डिग्री के पार रहा है। इटावा में 45 डिग्री, कानपुर में 47.6, वाराणसी में 47.6, प्रयागराज में 48.2, फतेहपुर में 47.2, उरई में 47.2, झांसी में 49.0, अलीगढ़ में 45.8, आगरा में 48.6 और बुलंदशहर में 46.0 डिग्री सेल्सियस रहा।
हीटवेव से बचाव के लिए क्या करें?
- इस भीषण गर्मी, गर्म हवा व लूू से बचाव के लिए खिड़की को एलुमिनियम पन्नी, गत्ते आदि चीजों से ढककर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके।
- खिड़कियों व दरवाजों पर, जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आतीं हैं, काले परदे लगाकर रखना चाहिए।
- बच्चों और पालतू जानवरों को कभी भी बन्द गाड़ियों में अकेला न छोड़ें, जहां तक हो सके घर में ही रहें और सूर्य के ताप से बचें।
- संतुलित, हल्का और नियमित भोजन करें और बासी खाना न खाएं।
- घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढककर रखें।
- खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पेय पदार्थ जैसे ओआरएस, लस्सी, छांछ, मट्ठा, बेल का शर्बत, नमक चीनी का घोल, नीबू पानी या आम का पना आदि का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।
मौसम विभाग के अनुसार, जून में अधिक तापमान रहने की संभावना है। ऐसे में लोगों को हीटवेव से बचाव के लिए आवश्यक तैयारियां कर लेनी चाहिए। हीटवेव से बचाव को लेकर जनसामान्य के बीच जागरूता अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा है। जब वातावरण का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से 3-4 डिग्री अधिक पहुंच जाता है तो उसे हीटवेव या लू कहते हैं। अभी आगे गर्मी का प्रकोप और बढ़ेगा, इसलिए गर्मी से बचाव के लिए विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिए।
कब लगती है लू ?
गर्मी में शरीर के लिक्विड बॉडी फ्ल्यूड सूखने लगते हैं। शरीर में पानी, नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। शराब की लत, हृदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, अधिक उम्र, डायबिटीज वाले व्यक्तियों को लू से विशेष बचाव करने की जरूरत है। इसके अलावा, डॉययूरेटिक, एंटीस्टिमिनक की दवाईयां का उपयोग करने वाले लोगों को भी लू लगने का खतरा रहता है।