Abbas Ansari: उत्तर प्रदेश की कासगंज जेल में सजा काट रहे मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट से पिता के चालीसवां संस्कार में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि इस मामले की सुनवाई 7 मई को होगी। बता दें, माफिया मुख्तार का चालीसवां भी 7 मई को ही होना है।
यूपी की कासगंज जेल में एक साल से भी अधिक समय से सजा काट रहे अब्बास अंसारी ने पिता के चालीसवां में शामिल होने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत से अंतरिम जमानत मांगी है। अब्बास के वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की। अब्बास अंसारी मुख्तार की मिट्टी में शामिल नहीं हो सका था। अब उसने सुप्रीम कोर्ट से मुख्तार अंसारी के चालीसवां में शामिल होने की मांग की है।
इस वजह से हुई थी मुख्तार अंसारी की मौत
बता दें, मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट के चलते 60 साल की उम्र में मौत हो गई थी। वह लंबे समय से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। जेल में मुख्तार की तबीयत खराब हुई थी, जिसके बाद उसको बांदा के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में मुख्तार को दुर्गावती हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी, जिसके बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्तार अंसारी की मौत का कारण ‘मायोकार्डियल इंफार्क्शन’ था। मायोकार्डियल इंफार्क्शन को ही आमबोल की भाषा में हार्ट अटैक कहा जाता है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ था खुलासा
मुख्तार अंसारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार किया गया था,क्योंकि रिपोर्ट को लेकर राजनीति भी गरमाई हुई थी। मुख्तार के परिजन दावा कर रहे थे कि मुख्तार अंसारी को खाने में स्लो पॉइजन यानी धीमा जहर दिया गया था। मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने तो अपने पिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एम्स के डॉक्टरों से कराने की मांग भी की थी। उसका कहना था कि उसे स्थानीय प्रशासन पर यकीन नहीं है। इसके लिए उमर ने बांदा जिले के डीएम को पत्र लिखा था। इतना ही नहीं, विपक्षी दलों ने भी ‘खाने में जहर’ की बात को काफी तूल दिया था।