Arvind Kejriwal Bail: Supreme Court ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत दे दी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे केजरीवाल का क्या मास्टर स्ट्रोक रहा। गिरफ्तार होने के बाद केजरीवाल ने कोई जल्दबाजी नहीं की। गिरफ्तारी के तुरंत बाद केजरीवाल अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट नहीं गए। बस उनके वकील अदालत में एक ही बात कहते रहे कि ये गिरफ्तारी गैरकानूनी है।
गिरफ्तारी के विरोध में केजरीवाल के वकील पहले हाईकोर्ट पहुंचे। लेकिन जब हाईकोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली तो सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया। जिससे उन्हें काफी राहत मिली।
सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल को उनके वकील अभिषेक मनुसिंघवी सलाह दे रहे थे। उन्हीं की सलाह पर केजरीवाल ने अपनी रणनीति को बदल लिया।
अनुच्छेद 32 भारत के प्रत्येक व्यक्ति को अपने मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए Supreme Court में जाने का अधिकार देता है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी को लगता है कि उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है , तो वे राहत के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। लेकिन केजरीवाल अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में नहीं पहुंचे। बार-बार अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते रहे।