पंजाब और हरियाणा के किसान सरकार से अपनी मांगो को पूरा कराने के लिए बुधवार यानि आज भी दिल्ली कूच करने के लिए तैयार है। किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोक लिया गया है। शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। बॉर्डर की सीमा से करीब एक किलोमीटर पहले ही वाहनों को रोककर चेकिंग की जा रही है और आगे जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
शंभू बॉर्डर पर पैरामिलिट्री फोर्स की 60 कंपनियां तैनात
किसानों को दिल्ली कूच करने से रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पैरामिलिट्री फोर्स की 60 कंपनियां तैनात की गई है। इतना ही नहीं पुलिस की 50 कंपनियां भी तैनात की गई है। किसान दिल्ली कूच के लिए पूरी तैयार है वहीं सुरक्षा बल भी पुरी तरह अलर्ट मोड पर है सुरक्षा बलों की कोशिश है कि किसानों को बॉर्डर पार करने न दिया जाए। वहीं सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भी भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई हैं। इन सीमाओं पर सीमेंट और लोहे की बैरिकेडिंग की गई है। इसके अलावा किसानों को रोकने के लिए कटीले तार और कंटेनर भी रखे गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने टिकरी बॉर्र की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर प्रतिबंध लगा दिया है। बॉर्डर से करीबन एक किलोमीटर पहले के रास्ते को पूरी तरह से सील कर दिया है। दिल्ली पुलिस किसी भी छोटे बड़े वाहन को टिकरी बॉर्डर की ओर जाने की इजाजत नहीं दे रही है। किसानों ने मंगलवार शाम को फिर कहा कि वो सुबह फिर दिल्ली में घुसने की कोशिश करेंगे। वहीं किसानों पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है।
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि एमएसपी की गारंटी वाला कानून इतनी जल्दी नहीं बन सकता। हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि हमें उस पर कानूनी गारंटी दी जाए ताकि हम उस एमएसपी से नीचे फसल न बेचें। इसलिए समिति का कोई सवाल ही नहीं है। हम चाहेंगे कि पीएम आगे बढ़ें और किसानों से बात करें।
किसानों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। किसान दिल्ली कूच करने की पूरी तैयारी में हैं। हुंकार भरे किसानों को नियंत्रित कर पाना मुश्किल हो गया है। मंगलवार को पंजाब हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों के दिल्ली चलो मार्च को रोक लिया गया। जिसके बाद किसानों को काबू कर पाना मुश्किल हो गया और उनकों तितर बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। विरोध कर रहे किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने के प्रयास किए और हरियाणा पुलिस के जवानों पर पथराव भी किया। जिसके जवाब में पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल करके हालात पर काबू पाया।