धर्म नगरी अयोध्या में हनुमान जी को राजा भी कहा जाता है और कोतवाल भी कहा जाता है। कई बार बंदरों ने अयोध्या की सुरक्षा भी की है। अब प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद एक वीडियो चर्चा में है और उसकी खूब चर्चा भी हो रही है। यह वीडियो प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद रोज अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि थाने में आने वाले एक बंदर का है। जो रोज श्रीराम जन्मभूमि थाने में आता है और थाने के प्रभारी देवेंद्र पांडे के पास घंटो बैठता है और उसके बाद वापस चला जाता है। इस बारे में पड़ताल की गई तो खुद थाने के प्रभारी ने कहा कि यह सब भगवान जी की महिमा है और हनुमान जी ही अयोध्या की रक्षा कर रहे हैं।
मान्यता है कि लंका विजय के बाद हनुमान जी श्रीराम के साथ रहकर अयोध्या की रक्षा में तैनात रहे और जब श्रीराम अपनी जीवन लीला समाप्त कर गुप्तार घाट में सरयू में विलीन होने के लिए गए तो उन्होंने अयोध्या की रक्षा और राज्य दोनों की जिम्मेदारी सौंप दी। इसीलिए हनुमान जी को अयोध्या का कोतवाल और राजा दोनों कहा जाता है। अब एक वीडियो इन दिनों खूब चर्चा में है। वीडियो में एक बंदर श्रीराम जन्मभूमि थाने में रोज थाना प्रभारी के पास आता है उनके साथ घंटो बैठता है , खेलता है और फिर वापस चला जाता है।
इस बारे में जब श्रीराम जन्मभूमि थाने के प्रभारी देवेंद्र पांडे से बात की गई तो उन्होंने जो कहा उससे हम भी हैरत में पड़ गए क्योंकि थाना प्रभारी कहते हैं कि अयोध्या के राजा तो हनुमान जी हैं और वही सब की रक्षा कर रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद से लगातार एक बंदर रोज उनके पास आता है और घंटो उनके साथ रहने के बाद वापस चला जाता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर इसी थाना क्षेत्र में पड़ता है और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इसी थाने के ऊपर है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद भी एक बंदर वहां आया था और रामलला के पैरों के पास बैठकर उन्हें निहारने के बाद चला गया था।
अब बात करें अयोध्या की सुरक्षा की तो हनुमानगढ़ी में रखें कुकर बम की जानकारी उस समय हुई थी एक बंदर उसे लेकर भागा था। इसी तरह अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर झोले में रखे गए बम का तार एक बंदर ने काट दिया था। यही नहीं 2005 में जब आतंकियों ने श्रीराम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई मंदिर पर हमला किया था तो एक आतंकी हैंड ग्रेनेड का पिन खींच रहा था और गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी। लिहाजा पिन उसकी उंगलियों में दबा रह गया था। बाद में बम डिस्पोजल दस्ते ने उसे जब तार में लगे हुक के जरिए उसे उठाया और झटका दिया तो हैंड ग्रेनेड फटने से उसके चीथड़े उड़ गए थे। यही नहीं एक हैंड ग्रेनेड तो मंदिर के त्रिपाल पर गिरा लेकिन फटा ही नहीं था। अब एक बार फिर श्री राम जन्मभूमि थाने में रोज आने वाले बंदर का वीडियो वायरल है और थाने के प्रभारी जो कुछ कह रहे हैं वह भी बेहद खास है ।