UP News: अयोध्या में पहली बारिश में ही 19 जगहों की रोड धंस गई। सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई दे रहे हैं। राम मंदिर के अलावा बिरला धर्मशाला, हनुमान मंदिर और राम की पैड़ी को जोड़ने वाली 13 किलोमीटर की ये सड़क 13 जगह धंसी है। इस मामले में 6 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। 12.94 किमी के रामपथ पर कई गड्ढे तो ऐसे हैं, जो 8 फीट से भी ज्यादा गहरे हो गए हैं। रोड की सबसे ज्यादा खराब स्थिति पोस्ट ऑफिस तिराहे से रिकाबगंज चौराहे के बीच देखी गई है।
सड़कों पर सबसे ज्यादा गड्ढे मेनहोल के आसपास हुए हैं। सड़कों के धंसने के कारण यहां से आने-जाने वाले लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आसपास के लोगों ने सड़क जिस जगह धंसी हुई है, वहां ईंट से घेरा बना दिया है, ताकि कोई दुर्घटना न हो। जब इन गड्ढों को सही करने जेसीबी पहुंची तो जेसीबी के वजन से ही सड़क धंसने लगी। बारिश होने के बाद गाड़ियों के आने-जाने के कारण सड़कों पर जो दबाव पड़ा है, उससे ये पता चलता है कि सड़क का निर्माण सही तरीके से नहीं किया गया है।
बता दें, रामपथ को बनाने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग यानी PWD को दी गई थी और सड़क बनाने का ठेका R&C इन्फ्रांइजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया। 24 जनवरी 2023 को 844 करोड़ की बजट में इस सड़क का काम शुरू किया गया था। इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (EPC) के अनुसार, इस सड़क को बनाने के लिए 15 महीने का समय मिलना चाहिए था, जोकि सड़क बनाने के लिए कार्यदायी संस्था को दिया भी गया था। रामपथ निर्माण को तीन फेज में बांटा गया था।
पहले फेज में 4.5 किमी अयोध्या धाम नया घाट से राम मंदिर तक, दूसरे में 3 किमी अयोध्या धाम से सर्किट हाउस तक और तीसरे में 5.4 किमी सर्किट हाउस से सहादतगंज बाईपास तक का काम होना था। दो फेज का काम तो सही समय पर हो गया था, लेकिन 11 नवंबर 2023 को अयोध्या में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम होना था। इस कारण सड़क निर्माण का कार्य जो समय तय हुआ था, उससे पहले ही पूरा करने का आदेश दिया गया। इसलिए सहादतगंज से सर्किट हाउस तक सड़क के काम को जल्दी में पूरा करना पड़ा।
कार्यदायी संस्था ने विभाग को 120 दिन पहले 30 दिसंबर 2023 को समय से पहले सड़क का काम पूरा करके सौंप दिया था। रामपथ बनाते समय तय समय से 3 महीने पहले ही सड़क का निर्माण पूरा करने को कहा गया। इस वजह से सड़क की लेयर सही तरीके से सेट नहीं हो पाई। बाद में बारिश का पानी सड़क के नीचे गया और सड़क धंसने लगी।