UP Heat wave: पूरे देशभर में इस बार गर्मी का कहर देखने को मिला, जिस कारण कई लोगो की जान चली गई। 20 से ज्यादा शहरों में नार्मल दिनों की अपेक्षा 4 गुना अधिक लावारिस लाशों को जलाया गया और पोस्टमार्टम हाउस में भी डेढ़ गुना से ज्यादा ही लाशों का पोस्टमार्टम कराया गया।
कई शहरों जैसे प्रयागराज,वाराणसी,कानपुर में मॉर्च्युरी तो में लाशों को रखने की जगह तक नहीं मिली। बात की जाएं वाराणसी की तो वहां तापमान मई में बीच के दिनों से जून के मध्य दिनों तक 43 से 46 तक रहा,जिस कारण मौत का आंकडा भी जारी रहा,सरकारी हास्पिटलों में पोस्टमार्टम हाउस और माॅर्च्युरी तक में लाशों को रखने तक की जगह नही थी।
वहीं पोस्टमार्टम हाउस के आंकड़ो की बात की जाएं तो 1 जून से 17 जून तक तो 183 शवों का पोस्टमार्टम कराया गया,जिनमें से 48 लाशें लावारिस थी,इतनी भंयकर गर्मी के कारण शवों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है,लोग शवों को लेने के लिए लाइन में लगे हुए है,लोगो ने बताया कि शवों से बहुत बदबू आ रही है।
वही शिवपुर में पोस्टमार्टम हाउस में बहुत अधिक संख्या में लाशों को लाया जा रहा है,जहां माॅर्च्युरी में 15 लाशों की क्षमता है वही 50 लाशों के आने से लाशों को बाहर रखना पड़ रहा है,वही बात की जाएं मंडलीय चिकित्सालय की माॅर्च्युरी में मंगलवार को 17 शव पहले से ही थे,बुधवार को करीब रात 8 बजे 12 शवों को लाया गया,सभी शवों को कमरे में बन्द कर दिया जाता है ताकि कोई जानवर उन शवों तक न पहुंच जाएं ।
काशी के मणिकर्णिका घाट की बात की जाएं तो वहां 30 मई को नार्मल दिनों की तुलना में तीन गुना यानी 400 से भी ज्यादा शव वहां पहुंचे,जिस कारण गलियों में जाम लग गया,भीड़ के कारण व्यव्स्था भी खराब हो गयी।
बात की जाए कानपुर की तो सेंट्रल रेलवे स्टेशन से लेकर घंटाघर चौराहे की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फुटपाथ पर रहने वालों में से तो करीब 200 लोग अब नहीं दिखाई देते है जिनमे से अधिकतर लोगों की मौत हो गई है,कई तो गर्मी के कारण और कई लोगो की बीमारी के कारण मौत हो गई है,1 जून से 17 जून तक में करीब 493 लोगों के पोस्टमार्टम हुआ है,जिनमें से पुरूष और महिलाओं को मिलकर 142 शव लावारिस है,और अधिकतर शव फुटपाथ पर मिलें है, शवों को किसी ने क्लेम न होने के कारण सामाजिक संगठनों ने इनका दाह संस्कार भैरव घाट पर किया गया, भैरव घाट श्मशान में करीब 10 से 12 शव आते है लेकिन अब किसी दिन 15&20 शव भी आ जाते है।
प्रयागराज के रसूलाबाद श्मशान घाट तक जाने के लिए एक ही रास्ता संकरा है,जहां 18 जून को यहां पर 1 किमी तक लंबा जाम लग गया था,कई लोगो ने तो अर्थी को सड़क पर ही रख दिया,बताया गया कि श्मशान घाट मे जगह नही है जिस कारण लोगो सड़क पर ही शवों को रख कर इन्तजार कर रहे थे,सामान्य दिनों में घाट पर 20 लाशें ही आती थी लेकिन अभी लाशों की संख्या बढ़कर 78 हो गयी है।
मैदानी इलाकों में 40 और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री तापमान रहता है,और गर्म हवाएं चलने लगती है,इसी को हीटवेव कहते है,हीट स्ट्रोक या लू लगना एक गंभीर इमरजेंसी है जिसमें बॉडी का तापमान 104 डिग्री के ऊपर या उससे अधिक होता है तो ऐसी स्थिति कों हीट स्ट्रोक कहा जाता है।
मौसम विभाग के अनुसार देशभर में हर साल हीटवेव के दिन बढ़ते ही जा रहे है,पहले 2&3 दिन ही हीटवेव का कहर रहता था,लेकिन अब हीटवेव की संख्या बढ़कर 10 दिन तक पहुंच गया है।
हीटवेव का असर प्रेग्नेंट महिलाओं, 12 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा होता है,इसके अलावा इसका असर मधुमेह,बीपी,हार्ट पेशेंट जैसे बीमार लोगो को बहुत दिक्कत होती है,और अगर कोई भी अधिक मात्रा में अल्कोहल या कैफीन का सेवन करता है तो वो व्यक्ति हीट स्ट्रोक का शिकार हो जाते है।
हीट स्ट्रोक में कुछ पेशेंट के व्यवहार में परिवर्तन हो जाता है,कुछ पेशेंट बोल नही पाते है,या कुछ रूक-रूककर बोल पाते है,वही हीट स्ट्रोक का बारे में जाने के लिए खून और मूत्र की जांच की जाती है,छाती का एक्स रे एमआर आई और ईसीजी भी कराई जाती है।