बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मौत के बाद सवाल उठ रहे हैं कि इस मौत की जांच की जाए। मुख्तार का परिवार तो पहले ही इस बात की आशंका जता रहा था कि मुख्तार को जेल में जहर दिया जा रहा है लेकिन अब विपक्षी पार्टी के नेताओं ने मौत की जांच की बात की है। जब मुख्तार अंसारी के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह से सवाल किया, तो उन्होंने बताया कि यह आरोप बिल्कुल निराधार है। पोस्टमार्टम के बाद ही कुछ पता चल सकता है। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है।
क्या कहा पूर्व डीजीपी ने
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद लगाए गए आरोपों पर बात करते हुए ओपी सिंह ने मीडिया को बताया कि,’’ मुख्तार अंसारी की मौत के बाद प्रदेश में कई तरह के अफवाहों को हवा दी जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर है। खासकर गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर और वाराणसी जैसे क्षेत्रों में। राज्य में पुलिस व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस लगातार इलाकों का दौरा कर रही है।
उसकी मौत के बारे में ज्यादा नहीं सोचा जाना चाहिए
पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि जब मुख्तार अंसारी पंजाब जेल में था, तब भी उसने यूपी कोर्ट में पेशी से बचने के लिए मेडिकल आधार पर कई आवेदन दिए थे। हालांकि, वो लंबे समय से बीमार चल रहा था। साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी एक अपराधी था। इसलिए उसकी मौत के बारे में इतने बड़े पैमाने पर नहीं सोचा जाना चाहिए। उसे जहर देने का आरोप बिल्कुल गलत है।
बेटे ने लगाया जहर देने का आरोप
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बेटे उमर अंसारी अंसारी ने दावा किया कि मुझे पूरा भरोसा है कि मेरे पिता को खाने में जहर दिया गया था। हम इसकी जांच के लिए कोर्ट का रुख करेंगे। इस बारे में मुझे मीडिया के जरिए पता चला है। प्रशासन ने मुझे इस बारे में कुछ नहीं बताया है। मैं दो दिन पहले ही उनसे मिलने बांदा जेल गया था। लेकिन, मुझे मिलने नहीं दिया गया। हमने पहले भी कहा था और आज भी कह रहे है कि मेरे पिता को जेल में धीमा जहर दिया गया है।