उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में लगातार भारी बारिश हो रही है, जिस कारण इन दिनों वाराणसी में गंगा अपने रौद्र रूप में है। भारी बारिश की वजह से बांधों से छोड़े गए पानी के कारण काशी के गंगा घाटों का नजारा अब डरावना हो गया है। आलम यह है कि गंगा के किनारे 20 फीट से ज्यादा पानी भर गया है। ऐसे में जिला प्रशासन ने भी लोगों को गंगा घाट के किनारे न जाने की सलाह दी है। गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की स्पीड से बढ़ रहा है, लिहाजा घाटों के किराने सभी मंदिर जलमग्न हो गए हैं। साथ ही 84 घाटों का आपसी संपर्क भी टूट चुका है।
काशी का मर्णिकर्णिका घाट भी बाढ़ के पानी के कारण पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। शवों को जलाने के लिए आठ अग्नि केंद्र भी जलमग्न हो चुके हैं। इस कारण लोग शवदाह घाट की ऊपरी सतह पर कर रहे हैं। इतना ही नहीं शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर जल्द ही गंगा का जलस्तर सामान्य नहीं हुआ तो वो दिन दूर नहीं जब पूरा शहर जलमग्न हो सकता है।
लकड़ी व्यापारी नितेश यादव ने बताया पिछले दो से तीन दिनों में बहुत तेजी से पानी बढ़ा है। पानी की रफ्तार तेज हुई है। शवदाह के लिए नीचे के आठ प्लेटफार्म पूरी तरह से डूब चुके हैं। बस ऊपर का हिस्सा बचा हुआ है, जहां लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।