Illegal Ganja Chocolates: उत्तर प्रदेश में एक गंभीर खुलासा हुआ है। राज्य में कई कंपनियां अवैध रूप से गांजा चॉकलेट बना रही हैं। इन चॉकलेट में अफीम और चरस जैसी अन्य नशीली दवाएं भी मिलाई जा रही हैं। इन कंपनियां इन चॉकलेट को कूरियर और पार्सल के जरिए अन्य राज्यों में भेज रही हैं, साथ ही ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिए भी इनका व्यापार किया जा रहा है।
तेलंगाना के एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो ने इस मामले का खुलासा किया है। उनके मुताबिक, इन चॉकलेटों (Illegal Ganja Chocolates) का सेवन खासकर युवाओं, स्कूली बच्चों, कामकाजी लोगों और निर्माण श्रमिकों में काफी लोकप्रिय हो रहा है और इससे युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ रही है। ब्यूरो ने उत्तर प्रदेश के आयुष विभाग के प्रमुख सचिव को ऐसी आधा दर्जन कंपनियों के बारे में सूचित किया है जिन पर तेलंगाना में लगभग 10 मुकदमे दर्ज हैं।
तेलंगाना के एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा जारी किए गए पत्र ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। ब्यूरो ने खुलासा किया है कि उत्तर प्रदेश में कई कंपनियां अवैध रूप से गांजा चॉकलेट का उत्पादन कर रही हैं और इन्हें अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है। इन चॉकलेटों में टीएचसी की मात्रा 5 से 20 प्रतिशत तक पाई गई है, जो बेहद खतरनाक है।
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तेलंगाना के एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो के खुलासे के बाद यह बात सामने आई है कि उत्तर प्रदेश में कई कंपनियां गांजा और भांग चॉकलेट के नाम पर अवैध रूप से अफीम और चरस जैसी अन्य नशीली दवाएं बेच रही हैं। इन कंपनियां बिना किसी चिकित्सकीय पर्चे के इन नशीले पदार्थों को बेच रही हैं, जो कि कानूनन अपराध है।
तेलंगाना के एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो के निदेशक द्वारा भेजे गए पत्र में उत्तर प्रदेश की कुछ विशिष्ट कंपनियों का नाम सामने आया है। इन कंपनियों पर गांजा और भांग चॉकलेट के नाम पर अवैध रूप से अफीम और चरस जैसी अन्य नशीली दवाएं बेचने का आरोप है।