उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी के गिरोह के सदस्यों के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के सालों अनवर शहजाद और शरजील रजा उर्फ आतिफ के पैसों को जब्त कर लिया है। अंसारी के दोनों साले फरार हैं। शरजील रजा उर्फ आतिफ आईएस-191 गैंग का एक सक्रिय सदस्य है।
अंसारी के दोनों सालों ने 17 लाख से भी ज्यादा रुपये कंपनी मेसर्स विकास कंसट्रक्शन के बैंक खातों से ट्रांसफर करके अपने रिश्तेदारों के अलग-अलग खातों में जमा किया था। अब प्रशासन गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी संपत्ति जब्त कर रहा है।
योगी सरकार ने जिला और पुलिस प्रशासन को कड़े निर्देश दिए हैं। निर्देश के बाद प्रशासन संगठित अपराध को अंजाम देने वालों एवं भू-माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार के साले अनवर शहजाद और सरजील उर्फ आतिफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
इस मामले की छानबीन जंगीपुर के थानाध्यक्ष द्वारा की जा रही है। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अंसारी के दोनों सालों ने कंपनी मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन के बैंक खातों में अपना पैसा ट्रांसफर किया। इसके बाद उसने अपने रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट में जमा करवा दिया था। सरगना मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास, उमर अंसारी और चचेरे भाई मंसूर अंसारी के खातों में शहजाद और सरजील ने 17 लाख 65 हजार 120 रुपये जमा कर रखे थे। इस रिपोर्ट के आधार पर ही डीएम आर्यका अखौरी ने इन पैसों को जब्त करने का आदेश दिया है।
मामले में एसपी ओमवीर सिंह ने मीडिया को बताया कि मुख्तार के दोनों सालों ने गैरकानूनी ढंग से पैसे जमा कर रखे थे। जमा पैसों को आरोपियों ने अपने रिश्तेदारों के अलग-अलग खातों में जमा किया था। सारे खाते मुख्तार के दोनों पुत्र और चचेरे भाई के नाम पर हैं। गैंगस्टर एक्ट के तहत इस जमा धनराशि को पुलिस ने जब्त कर लिया है।