UP News: वाराणसी में 30 जून (रविवार) को मीरघाट पर दो गुटों के बीच दुकानदारों पर अपना दबदबा बनाने के लिए लड़ाई झगड़ा और सपा नेता विजय यादव पर जानलेवा हमले का मामला सामने आया है। आइये, जानते हैं पूरा मामला क्या है …
दरअसल, मीरघाट के आसपास जो दुकानदार फूलों की दुकान लगाते हैं, उनकी संख्या लगभग 200 के करीब है। यहां फूल-माला बेचने वाले हर रोज 100 से 200 रुपये गुंडा टैक्स देते हैं। कई लोग यहां आते हैं और पैसे की वसूली कर ले जाते हैं। हर एक फूल और माला बेचने वाला दुकानदार महीने में 3 से लेकर 5 हजार रुपये तक यादव गैंग को देकर अपनी सुरक्षा करता है। फूलों और मालाओं की दुकानों के अलावा पूजा सामग्री, धार्मिक सामग्री की दुकानें और साड़ी की दुकानों पर भी महीने के हिसाब से वसूली की जाती है।
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यहां फायरिंग की असली वजह मर्णिकर्णिका मोक्ष से लेकर घाट तक की सभी दुकानों पर वसूली है। रविवार को काशी विश्वनाथ परिसरके घर करीब 1 बजे रामघाट के रहने वाले गोविंद यादव, सूजाबाद के साहिल यादव, मछोदरी के रहने वाले अंकित यादव, शीतला गली के शिवम और शोभित शर्मा समेत कुल 38 हमलावर आये थे। इनमें से 17 हमलावरों के हाथ में लाठी-डंडा और धारदार हथियार, जबकि 5 हमलावरों के हाथ में पिस्टल-तमंचा थे। हमलावर मोटर बोट में असलहा, लाठी और रॉड लेकर आये थे। उनका मकसद काशी विश्वनाथ मंदिर के क्षेत्र में दहशत फैलाना और फायरिंग करना था।
हमलावरों ने जब फायरिंग शुरू की तो 15-20 राउंड गोलियां चलाई, जिससे पूरे मोहल्ले में दहशत फैल गई। सभी लोगों ने अपने-अपने घर के दरवाजे बन्द कर लिए। हमलावर विजय यादव की हत्या का प्लान बनाकर आये थे। स्थानीय लोगों के अनुसार, हमलावरों का मकसद विजय यादव को जान से मारना था। वे लगातार गालियां दे रहे थे और गोलियां चला रहे थे।
हमलावरों की संख्या और वारदात दोनों सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। विजय यादव के थाने में दी गई तहरीर पर 5 नामजद और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ दशाश्वमेध थाने में केस दर्ज किया गया है।
विजय यादव के परिवार के 3 सदस्य और एक हमलावर को बीएचयू ट्रामा सेंटर में एडमिट कराया गया है। बता दें, उनके परिजनों की दो दुकानें हैं। इसमें एक फूल, माला और प्रसाद की है, जबकि दूसरी साड़ी की है। दोनों दुकानें विश्वनाथ धाम के गेट नंबर दो के पास हैं। हमलावर अक्सर यहां वसूली करने आते रहते हैं।
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