Jobs of deceased dependent: उत्तर प्रदेश के 789 शिक्षकों के निधन के बाद उनके आश्रितों की नौकरी का मामला अटका हुआ है। ये शिक्षक बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में कार्यरत थे। अधिकांश मामलों में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि विभाग में क्लर्क के पद खाली नहीं हैं। इसके अलावा, मृतक शिक्षकों के आश्रित चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति लेने को तैयार नहीं हैं।
परिषद ने सभी नियुक्तियों के बारे में सरकार को सूचना भेज दी है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव का कहना है कि जिन शिक्षकों के परिवार वाले नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं, उनकी नियुक्ति जल्द से जल्द की जाएगी।
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कई मामलों में, खंड शिक्षा अधिकारी के पास फाइलें अटकी हुई हैं। अलीगढ़ के शादीपुर टप्पल के कंपोजिट विद्यालय में प्रधानाध्यापक रहे अजय कुमार अत्री का निधन 2 मई, 2021 को हुआ था। उनके बेटे मोहित अत्री की नौकरी के लिए आवेदन खंड शिक्षा अधिकारी के पास ही पड़ा है।
कई बार लोग अपने परिवार के किसी सदस्य के मरने के बाद पांच साल तक नौकरी के लिए आवेदन नहीं करते हैं। इससे नौकरी मिलने में देरी हो जाती है। ऐसे मामलों में सरकार से पूछा गया है कि क्या इन लोगों के आवेदन पर विचार किया जा सकता है।
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