बसपा सुप्रीमो मायावती ने जब से अपने भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोओर्डिनेटर और उत्तराधिकारी बनाने का फैसला वापस लिया है, तब से यूपी में सियासत तेज हो गई है। अब ये लड़ाई राजनीति के मैदान से हटकर ट्विटर पर आ गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को एक ट्वीट करते हुए बसपा पर निशाना साधा, तो वहीं, अब मायावती ने सपा मुखिया पर पलटवार किया है। साथ ही उन्हें बसपा के मामले में टिप्पणी न करने की सलाह भी दी है।
मायावती ने एक्स पर लिखा कि “बीएसपी संगठन में क्या कुछ चल रहा है इस पर घोर दलित-विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी व चिन्ता नहीं करे तो बेहतर। इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए उनके अपने परिवार व उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है इसकी केवल चिन्ता करें क्योंकि उन सब का हाल बेहाल है।”
मायावती ने आगे लिखा कि “सपा का चाल, चरित्र व चेहरा, हमेशा की तरह आज भी, जबरदस्त दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है। प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करना तथा इस सम्बंध में बिल को संसद में फाड़ना आदि इनके ऐसे कार्य हैं जिसे माफ करना मुश्किल।”
मायावती ने आगे लिखा कि- “साथ ही, बीएसपी सरकार द्वारा बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर यूपी में बनाए गए जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं।”