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चारबाग बस स्टैंड पर 10 हजार यात्रियों के लिए है सिर्फ एक कूलर

लखनऊ के चारबाग स्टैंड पर गर्मी से राहत पाने के लिए सिर्फ एक ही कूलर लगा हुआ है। इसके साथ ही पीने के लिए एक ही वाटर कूलर लगा हुआ है। लोगों को पीने के पानी के लिए घंटों धूप में लाइन लगाना पड़ता है।

Charbagh Bus Stand: उत्तर प्रदेश में इस समय भीषण गर्मी पड़ रहा है। लू चलने से लोगों का बुरा हाल है। राजधानी लखनऊ के चारबाग स्टैंड से हर दिन हजारों यात्रियों की आवाजाही होती है। स्टैंड पर गर्मी से राहत पाने के लिए सिर्फ एक ही कूलर लगा हुआ है। इसके साथ ही पीने के लिए एक ही वाटर कूलर लगा हुआ है। लोगों को पीने के पानी के लिए घंटों धूप में लाइन लगाना पड़ता है।

चारबाग स्टेशन पर 2 रुपये प्रति लीटर पानी का दाम है। दिनभर यात्रियों की लाइन लगी रहती है। लोगों ने बताया कि भयंकर गर्मी के कारण पानी की मांग कई गुना बढ़ गई है। बसों और अन्य जगहों पर फ्री पानी की व्यवस्था है, लेकिन वहां गर्म पानी मिलने के कारण बहुत कम ही लोग पानी लेते है। दुकानों में जो ठंडा पानी मिलता है, उसकी कीमत 20 रुपये है। कुछ लोग तो मनमाना पैसा भी लेते हैं, लेकिन ठंडे पानी का दाम 2 रुपये होने के कारण एक दिन में लगभग 800 लीटर से ज्यादा ही पानी की खपत हो जाती है, जिससे कि दिन भर में कई बार रिफिलिंग भी करना पड़ता है।

टीन शेड में बैठे लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि बस स्टैड की व्यवस्था बहुत खराब है, जिससे यात्री बहुत नाराज है। बस स्टैड पर एक ही कूलर होने के कारण यात्री कूलर के सामने खडे़ हो जाते हैं। इससे पीछे बैठे लोगों को हवा नहीं लग पाती है, जिसके कारण कई बार लोगों में बहस भी हो जाती है। सरकारी कूलर होने के कारण कोई कुछ बोल भी नहीं पाता है।

चारबाग से कौशांबी मंझनपुर के लिए एसी बसें चलती है। अन्य बसें आलमबाग से चलती हैं। स्टेशन पर वेटिंग एसी रूम तो है, लेकिन बैठने के लिए कोई ढंग की व्यवस्था नहीं है। सालों पुरानी लोहे की टूटी कुर्सियां रखी हैं। वहां अन्दर में रखा वाटर कूलर भी खराब है, जिस कारण यात्री टीन शेड में बैठने को मजबूर हैं।

स्टेशन के पास दुकानें लगने से लोगों को बैठने के लिए ज्यादा जगह नहीं मिल पाती है। इतनी गर्मी पड़ने के कारण टीन शेड से राहत नहीं मिल पाती है। रोडवेज की ओर से भले ही कूलर की व्यवस्था की गई हो, लेकिन इतने यात्रियों के लिए यह पर्याप्त नहीं है। जो पंखे लगे हुए हैं, वो भी गर्म हवा देते हैं।

ड्राइवर प्रदीप सिंह बताते है कि हम रायबरेली, प्रतापगढ़, लखनऊ और हैदरगढ़ जैसे रूट पर बस चलाते हैं। रोज 4 बार चक्कर लगाना पड़ता है। हमें 12 घंटे गर्मी की मार झेलनी पड़ती है। जब 60 किलोमीटर की रफ्तार से गर्म हवा चेहरे और शरीर पर पड़ती है तो ऐसा लगता है कि जान चली जाएगी। पूरा चेहरा झुलस गया है। आंखों में जलन भी होता रहता है। इस गर्मी के कारण कई ड्राइवर साथी अपनी जान भी गंवा चुके हैं।

चारबाग स्टेशन पर दिनभर में 200 से अधिक बसों का संचालन किया जाता है। बसों में 10 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। स्टेशन से चलने वाली बसें धूप में खड़ी रहती हैं और जब तक बसें सवारियों से भर नहीं जाती हैं, तब तक ड्राइवर बस आगे नहीं बढ़ाते हैं।


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