आज की महिलाएं किसी भी काम में पुरुषों से कम नहीं मानी जाती। अब तो महिलाएं इलेक्शन में भी बढ़-चढ़कर वोटिंग करती है। इसी वजह से देश की बड़ी पार्टियां देश की आधी आबादी के बारे में पहले से कहीं ज्यादा बातें करने लगी हैं। महिलाओं ने वोटिंग के मामले में पुरुषों को भी पीछे छोड़ दिया है। लेकिन यूपी में एक ऐसा आंकड़ा सामने आया है जो चौंकाता है।
वोटिंग में बढ़ी भागीदारी
चुनाव में अगर महिलाओं के वोट देने के बारे में बात करें तो 1962 में हुए चुनाव में 46.63% महिलाओं ने वोटिंग किया था। वहीं, पुरुषों का मतदान प्रतिशत 63.31% रहा था। उसके दो दशक बाद 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 68.18 रहा था और महिलाओं का 58.60 रहा। हाल के सालों के वोटिंग प्रतिशत पर नजर डाले तो पता चलता है कि महिलाओं के वोटिंग प्रतिशत में तेजी से सुधार हुआ हैं। महिलाएं पुरुषों से भी ज्यादा वोट डाल रही हैं। 2019 में 67.01% पुरुषों और 67.18% महिलाओं ने वोट किया था।
यूपी में 80 में से 34 सीटें ऐसी हैं
जाहिर है इन सब चीजों के बावजूद ये जानकर हैरानी होती है कि यूपी में इतनी बढ़ी संख्या में वे कौन सी सीटें हैं जिन पर महिलाएं कभी सांसद नहीं बन पाईं। यूपी की 80 में से 34 सीटें ऐसी हैं। कुछ राजनीतिक दलों ने इन सीटों पर महिला उम्मीदवारों को खड़ा किया था। लेकिन, उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से इन सीटों पर किसी भी महिला उम्मीदवार को नहीं खड़ा किया गया।
इन सीटों पर अब तक नहीं बनी महिला सांसद
वो सीटें जहां अभी तक कोई महिला सांसद नहीं बनी हैं, वो मुरादाबाद, आगरा, सहारनपुर, अमरोहा, बुलंदशहर, एटा, बागपत, गोरखपुर, बलिया, अकबरपुर, बस्ती, भदोही, देवरिया, डुमरियागंज, फैजाबाद, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजीपुर, घोसी, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, कौशांबी, कुशीनगर, मछलीशहर, मुजफ्फरनगर, नगीना, रॉबर्ट्सगंज, सलेमपुर, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, श्रावस्ती, वाराणसी हैं।