Upsc Aspirant Pushpendra Srivastava : UPSC 2023 का फाइनल रिजल्ट आ चुका है। सफल हुए टॉपर्स को बधाई दी जा रही हैं। हर ओर संघर्ष भरी कहानियों की चर्चा है। लेकिन राजधानी दिल्ली के मुखर्जीनगर में एक शख्स ऐसा भी है, जो संघर्ष और जज्बे की मिसाल है। नाम पुष्पेंद्र श्रीवास्तव, उम्र 48 साल। साल 1997 में दिल्ली आ गए थे, तभी से यहां रहकर परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। अभी तक UPSC और स्टेट PCS को मिलाकर 73 प्रिलिम्स की परीक्षाएं दे चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुष्पेंद्र श्रीवास्तव ने बीते मंगलवार को 43वीं बार मेन्स लिखा। अभी तक वो टोटल 8 बार इंटरव्यू दे चुके हैं। लेकिन सफलता मिलना बाकी है। जल्द ही वो 9वीं बार मध्य प्रदेश पीसीएस का इंटरव्यू देने वाले हैं।
जीतूंगा मैं यह मेरा वादा है,
कोशिश मेरी सबसे ज्यादा है,
हिम्मत भी टूटे तो भी नहीं रुकूंगा,
मजबूत बहुत मेरा इरादा है।
ये लाइने पुष्पेंद्र श्रीवास्तव पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। पुष्पेंद्र श्रीवास्तव फिलहाल मुखर्जी नगर के नेहरू विहार में रहते हैं। इस इलाके में यूपीएससी की तैयारी करने वाले लगभग सभी स्टूडेंट्स उन्हें जानते हैं। हर कोई उनका सम्मान करता है। यहां उन्हें सभी स्टूडेंट्स पुष्पेंद्र भैया के नाम से जानते हैं। सभी की मदद के लिए वो हमेशा खड़े रहते हैं।
पिछले 28 साल में दिल्ली के मुखर्जीनगर में रहकर पुष्पेंद्र तैयारी कर रहे हैं। आप इस तैयारी को संघर्ष का नाम भी दे सकते हैं। अभी तक उन्होंने शादी भी नहीं की। मीडिया से बात करते हुए कहा कि परीक्षा में सफलता के बाद ही शादी करेंगे। उनकी खास बात है उनके चेहरे पर कोई शिकन या तनाव नहीं है। उनके चेहरे पर गजब का कॉन्फिडेंस उनकी मेहनत की ईमानदारी को बयान करने के लिए काफी है। इसके पीछे की वजह है परीक्षा में पास होना। वो कहते हैं कि पिछले 28 वर्षों में हमने इतनी परीक्षाएं दी, लेकिन रिकॉर्ड है कि किसी भी परीक्षा के प्री में आज तक फेल नहीं हुए। हालांकि, उन्हें कुछ मेंस इसलिए भी छोड़ने पड़ गए। क्योंकि एक मेंस से दूसरे मेंस की डेट टकरा गई।
कौन हैं पुष्पेंद्र भइया?
पुष्पेंद्र श्रीवास्तव मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म छतरपुर जिले के एक छोटे से गांव बंभौरी में हुआ। उनके माता-पिता दोनों ही सरकारी शिक्षक हैं। मीडिया से बात करते हुए पुष्पेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उनके परिवार के लोग चाहते थे कि वो भी शिक्षक बनें। परिवार वालों की बात मानकर उन्होंने साल 1996 में एमएससी पास करने के बाद बीएड का फॉर्म भर दिया और वो इसमें सफल भी हुए।
इसी दौरान जब वो बीएड का फॉर्म खरीदने गए तो उन्होंने देखा कि मध्य प्रदेश पीसीएस का फॉर्म भी निकला है। उन्होंने उसे भी भर दिया। मध्य प्रदेश पीसीएस के प्रीलिम्स भी पहले अटेम्प्ट में क्लियर कर लिया। इस सफलता के बाद उन्हें लगा कि वो यूपीएस की परीक्षा को पास कर सकते हैं। तो वो इलाहाबाद आ गए। यहां उन्होंने UPSC का भी पहला अटेम्प्ट दिया और मेंस तक पहुंचे।
साल 1997 में पुष्पेंद्र को लगा कि UPSC के लिए दिल्ली का मुखर्जी नगर सही जगह रहेगी। फिर क्या था वो दिल्ली आ गए। पिछले 27 साल से किसी तपस्वी की तरह वो परीक्षा में सफलता के लिए तप कर रहे हैं। उन्हें भी और उनके चाहने वालों को भी उनकी सफलता का इंतजार है।
आपको ये जानकार हैरानी होगी कि जाने माने शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति ने भी उनके साथ UPSC की तैयार की है। इतना ही नहीं IPS मनोज शर्मा तो मुखर्जी नगर में उनके रूम पार्टनर रहे हैं। ये वहीं मनोज शर्मा हैं, जिन पर हाल ही में 12वीं फेल फिल्म बनी है।
फिलहाल पुष्पेंद्र अपनी तैयारी के साथ-साथ एक कोचिंग संस्थान में पढ़ा भी रहे हैं। यहां से उनको अच्छी खासी सैलरी मिलती हैं। पुष्पेंद्र का कहना है कि चाहे कुछ भी हो जाए, मुखर्जी नगर से अधिकारी बनकर ही जाना है। उनके बारे में किसी ने क्या खूब लिखा है…
मुश्किलें हैं रास्ते में, पर सफलता का इरादा है,
हौंसला बुलंद है, मैं अपने सपनों की बातें करता हूं।