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यूपी में DGP की चयन प्रक्रिया में हुआ बदलाव, अब यूपीएससी को नहीं भेजा जाएगा नामों का पैनल

उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव हुआ है। अब DGP के चयन के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) को पैनल नहीं भेजना पड़ेगा। अब ये काम यूपी सरकार खुद कर लेगी।
UP DGP Rules 2024 | Shresth uttar Pradesh |

UP DGP Rules 2024: उत्तर प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव हुआ है। अब DGP के चयन के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) को पैनल नहीं भेजना पड़ेगा। अब ये काम यूपी सरकार खुद कर लेगी। अभी तक संघ लोकसेवा आयोग को नामों का पैनल भेजा जाता था, लेकिन अब ये व्यवस्था बदल गई है।

अब यूपी के डीजीपी का कार्यकाल दो साल का होगा। सोमवार को कैबिनेट बैठक में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने चयन नियमावली 2024 को मंजूरी दे दी है। इससे डीजीपी की नियुक्ति अब राज्‍य स्‍तर से ही हो सकेगी। इसके लिए UPSC को पैनल नहीं भेजना पड़ेगा।

योगी कैबिनेट ने बदला सुप्रीम कोर्ट का आदेश

पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि देश के किसी भी राज्य का डीजीपी नियुक्त करने के लिए उस राज्य के तीन सीनियर मोस्ट अफसरों के नाम UPSC को भेजे जाएंगे। उनमें से कोई एक नाम UPSC तय कर राज्य को भेज देगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को योगी कैबिनेट ने बदल दिया है, जिसके अनुसार, अब यूपी में ही डीजीपी का चयन होगा। यूपीएससी को नाम भेजने वाली बाध्यता खत्म कर दी गयी है। कैबिनेट द्वारा पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश (यूपी के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं निर्देशावली 2024 को मंजूरी दे दी गयी है।

अब ऐसे होगा डीजीपी का चयन

नियमावली 2024 के अनुसार, हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी, जो डीजीपी के नाम का चयन करेगी। रिटायर्ड हाईकोर्ट जज के अलावा यूपी के मुख्य सचिव, यूपीएससी की ओर से नामित एक सदस्य, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित सदस्य, अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव गृह और एक रिटायर्ड पूर्व डीजीपी कमेटी में रहेंगे।

डीजीपी के लिए अहर्ता, जिसकी कम से कम 6 महीने की नौकरी बची हो, एक बार चुने जाने के बाद डीजीपी का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। हालांकि, नियमावली में ये भी कहा गया है कि किसी भी भ्रष्टाचार या आपराधिक मामले में या अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहने पर राज्य सरकार, डीजीपी को उनके पद से 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटा सकती है।

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इसमें यह भी कहा गया है कि पुलिस महानिदेशक को उनके पद से हटाने संबंधित प्रावधानों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित दिशा निर्देशों का पालन किया गया है। अब ऐसा माना जा रहा है कि अब प्रशांत कुमार को पूर्णकालिक डीजीपी बना दिया जाएगा, उन्हें दो साल का फिक्स कार्यकाल भी मिल सकता है।

अखिलेश यादव ने साधा निशाना

इसी बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और उसका कार्यकाल 2 साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है। सवाल ये है कि व्यवस्था बनाने वाले खुद 2 साल रहेंगे या नहीं। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है। दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0। सियासत के गलियारों में इस नियुक्ति प्रकिया में बदलाव की काफी चर्चा हो रही है।”

https://twitter.com/yadavakhilesh/status/1853642723523207275

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