UP News: यूपी में अक्सर परीक्षा के दौरान नकल और पेपर लीक जैसे मामले सामने आते हैं। अब सरकार ने इस समस्या का एक फुल प्रूफ इंतजाम खोज निकाला है। दरअसल, परीक्षा के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से परीक्षार्थियों की पहचान व बायोमीट्रिक से पुष्टि की जाएगी। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग कर परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर लगाम लगाई जाएगी। इस संबंध में सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है। इस शासनादेश के मुताबिक, प्रश्नपत्र संबंधी कार्यों के लिए चार अलग-अलग एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सरकारी या वित्त पोषित शिक्षण संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। अगर परीक्षार्थियों की संख्या
4 लाख से ज्यादा है तो एग्जाम को दो चरणों में पूरा कराया जाएगा।
प्रश्नपत्र तैयार करने, छपवाने व कोषागार में रखबाने की जिम्मेदारी एक एजेंसी की होगी। परीक्षा नियंत्रक नियमित रूप से प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी का निरीक्षण करेंगे। दूसरी एजेंसी परीक्षा केंद्र पर उचित व्यवस्था बनाएगी और परीक्षा के बाद ओएमआर सीट को आयोग और बोर्ड तक पहुंचाने का काम करेगी। तीसरी एजेंसी परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था को संभालने का काम करेगी। चौथी एजेंसी ओएमआर सीट स्कैन कर परीक्षा का स्कोर उपलब्ध कराएगी।
हर चरण में होंगे दो या दो से अधिक पेपर सेट
एग्जाम के लिए हर चरण में दो या दो अधिक पेपर सेट उपलब्ध होंगे। सभी प्रश्नपत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी के जरिए कराई जाएगी। गोपनीयता बनाए रखने के लिए चयन आयोगों को शासन स्तर के शीर्ष अधिकारियों और एसटीएफ के साथ संपर्क में रहना होगा।