उत्तर प्रदेश में तैनात IPS अधिकारी जुगल किशोर तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। आचरण नियमावली का पालन नहीं करने के चलते उनके खिलाफ यह कदम उठाया गया है। IPS पर आरोप है कि उन्होंने दो साल से ज्यादा छुट्टी पर रहे एक सरकारी ड्राइवर की सुनवाई करते हुए नियमों के परे जाकर उसे लाभ पहुंचाया था। बता दें, वर्तमान में वह डीआईजी फायर सर्विस के पद पर तैनात थे।
जानें पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, उन्नाव में तैनात फायर विभाग का ड्राइवर बीमारी की वजह से कई दिनों तक अपनी ड्यूटी से गायब था। उसने इस बात की सूचना किसी भी संबंधित अधिकारी को नहीं दी थी, जिसके चलते उसे एक साथ दो सजा दी गई थी। ड्राइवर को 3 साल के लिए दिया गया, साथ ही छुट्टी की अवधि में लीव विदाउट पेमेंट दिया गया था।
इस मामले में करीब डेढ़ साल पहले उसे एसपी उन्नाव ने सजा सुनाई थी। इसके बाद विभाग के डीआईजी से अपील की गई थी और फिर डीआईजी जुगल किशोर तिवारी ने एक अपराध में दो सजा नहीं देने के सिद्धांत में फायर विभाग के ड्राइवर को क्लीन चिट दे दी थी। इसी के चलते अब डीआईजी जुगल किशोर तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। जुगल किशोर का इस पूरे मामले पर कहना है कि मैंने नियमतः काम किया है। उचित फोरम में अपनी बात रखूंगा।
जुगल किशोर 2008 बैच के IPS अधिकारी हैं
जुगल किशोर 2008 बैच के IPS अधिकारी हैं। वह गाजीपुर, बांदा, वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ, चित्रकूट और बहराइच से एसपी भी रह चुके हैं। चित्रकुट में रहने के दौरान पाठा के जंगलों में तीन दिन का अभियान चलाकर दुर्दांत डकैत घनश्याम केवट का एनकाउंटर किया था।