UP News: सरकार ने वर्ष 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त करने का ऐलान किया है जिसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। साथ ही मलेरिया के सभी केस की जांच और सभी मरीजों के इलाज पर ध्यान दिया जा रहा है, वही जून महीने को जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मलेरिया रोधी महीने के रूप में मनाया जाता है।
मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है, जिसके परजीवी शरीर के अन्दर जाते ही 14 से 21 दिन के अंदर बुखार होने लगता है, मलेरिया के बचाव के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है कि इसके लक्षण को पहचान कर इसका जल्दी इलाज कराया जाए।
मलेरिया में सर्दी व कपकंपी के साथ बुखार होना, थकान चक्कर आना, कमजोरी होना, उल्टी होना, थोड़े-थोड़े समय में प्यास लगना, हाथ और पैर में ऐंठन आना, तेज सिर दर्द, बुखार उतरने के समय अधिक पसीना होना।
राज्य मलेरिया अधिकारी ने मुताबिक, जून के अन्तिम सप्ताह में मानसून के आने की आशा है। इस बीच मच्छर से होने वाली बीमारियां फैलती है, जिसके लिए शहरों और ग्रामीण क्षेत्रो में आयोजन किया जा रहा है।
लखनऊ की जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ,रितु श्रीवास्तव ने बताया की शहरों में इन्सेक्ट कलेक्टर के द्वारा उन जगहों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, जहां मच्छर सबसे ज्यादा हैं। साथ ही मच्छरों पर काबू पाने के लिए इंसेक्टिसाइड का छिड़काव और फॉगिंग की जा रही है।
देशभर में इस वर्ष अभी तक मलेरिया के 771 मरीज मिले हैं, मलेरिया जैसी बीमारियों पर काबू पाने के लिए महामारी विज्ञान और कीट विज्ञान निगरानी को बढ़ाया गया है इसके साथ ही सामुदायिक भागीदारी, प्रशिक्षण और क्षमता विकास पर जोर दिया जा रहा है।
राज्य मलेरिया अधिकारी डाॅ विकास सिंघल ने मुताबिक, मलेरिया के उपचार में ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। सभी जिलों में मलेरिया की जांच के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट दिया जा रहा है। साथ ही जिला मलेरिया अधिकारियों,संबंधित कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।