लोकसभा चुनाव 2024 के बाद योगी सरकार सख्त नजर आ रही है। इसी बीच अब सरकार ने अपने अफसरों और कर्मिचारियों के लिए नई मीडिया गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। अब अफसरों को किसी भी मीड़िया माध्यम पर कुछ कहने या लिखने से पहले सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी। बिना पर्मिशन के कोई भी सरकारी अफसर कुछ भी पोस्ट या लिख नहीं सकता।
क्या कहती है अधिसूचना?
यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने एक शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक,प्रदेश के सरकारी कार्मचारियों के आचरण को विनियमित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 1956 प्रभावी है। इस आचरण नियमावली के नियम-3(2) में यह व्यवस्था है कि हर एक सरकारी कर्मचारी सभी समयों पर, व्यवहार और आचरण को विनियमित करने वाले अन्तर्निहित शासकीय आदेशों के अनुसार आचरण करेगा। इसके अलावा नियमावली के नियम-6, 7 और 9 में समाचार पत्रों या रेडियों से सम्बन्ध रखने और सरकार की आलोचना आदि के सम्बन्ध में प्राविधान किए गए हैं।
इस आदेश में साफतौर पर कहा गया है की कोई भी अधिकारी बिना किसी शासनादेश या फिर मंजूरी के किसी भी तरह के प्रसारण में भाग नहीं लेगा या किसी समाचार पत्र या पत्रिका को लेख नहीं भेजेगा और गुमनाम से अपने नाम में या किसी अन्य व्यक्ति के नाम में, किसी समाचार पत्र या पत्रिका को कोई पत्र नहीं लिखेगा.