Assistant Teacher Recruitment 2018: राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2018 में आयोजित परीक्षा के परिणाम घोषित हुए थे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 28 जून, 2023 को अवशेष श्रेष्ठता सूची में 413 अभ्यर्थियों का चयन किया था। सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं, लेकिन 14 महीने बीत जाने के बाद भी इन अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है।
चयनित अभ्यर्थी शिक्षा निदेशालय और लखनऊ स्थित अन्य संबंधित कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकल रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे लगातार अधिकारियों से मिल रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 413 सहायक अध्यापकों और 22 प्रवक्ताओं की नियुक्ति में हो रही देरी से अभ्यर्थी काफी आक्रोशित हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इन अभ्यर्थियों की ऑनलाइन तैनाती का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि जल्द ही उनकी नियुक्ति नहीं हुई तो वे माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के शिविर कार्यालय लखनऊ पर प्रदर्शन और आमरण अनशन करने को मजबूर होंगे। अभ्यर्थियों का मानना है कि इस तरह की देरी से उनकी शिक्षा और करियर दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
अपरनिदेशकराजकीय, अजय कुमार द्विवेदी ने इस संबंध में बताया कि चयनित अभ्यर्थियों के ऑनलाइन पदस्थापन का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।
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राजकीय विद्यालयों में कार्यरत 116 महिला शिक्षिकाओं को अधीनस्थ राजपत्रित (महिला शाखा) के रिक्त पदों पर पदोन्नत करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को निर्देशित किया है कि वे इन शिक्षिकाओं की गोपनीय आख्या और अन्य आवश्यक दस्तावेज 4 अक्टूबर तक अवश्य जमा करवा दें।
यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इन योग्य शिक्षिकाओं को पदोन्नति का लाभ समय से मिल सके। यदि किसी शिक्षिका की पदोन्नति में किसी भी तरह की देरी होती है तो इसके लिए संबंधित अधिकारी और कर्मचारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।