Prayagraj: यूपी के प्रयागराज जिले में जाली नोट छापने वाले गिरोह को गिरफ्तार कर लिया गया है। जाली नोट मदरसे में छापे जा रहे थे। जाली नोट छापने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि मस्जिद का मौलवी है। मौलवी की उम्र 25 साल है। मस्जिद के मौलवी का नाम मोहम्मद तफसीरूत है। मौलवी के साथ दो और आरोपी भी हैं, जिनकी उम्र 18 साल है।
लोकल मार्केट में इस्तेमाल किये जाते थे जाली नोट
पूरे मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 4 आरोपियों ने जाली नोट को छापने की बात को मान लिया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे जाली नोट का इस्तेमाल लोकल मार्केट में सामान खरीदने के लिए करते थे। जाली नोटों की छपाई मदरसे की छुट्ठी के बाद की जाती थी।
आरोपियों ने किया चौंकाने वाला खुलासा
चार आरोपियों में से एक आरोपी जाहिर ओडिशा का रहने वाला है। मस्जिद के मौलवी ने आरोपी जाहिर को मस्जिद में रहने के लिए कहा था। आरोपी जाहिर जाली नोट छापने में माहिर है। आरोपियों के पास से 1.30 लाख रुपये के जाली नोट मिले हैं।
आरोपियों ने बताया कि 100-100 रुपये के नोट आसानी से चल जाते हैं। इसलिए 100 रुपये के असली नोट के साथ हम 3 जाली नोट देते हैं। अब तक हमने कीडगंज, खुल्दाबाद, अतरमुईया क्षेत्रों में जाली नोटों को चलाया है। जाली नोटों को छापने के लिए जाहिर ने अपने भाई, जोकि ओडिशा के भद्रक में रहता है, उससे मदद ली थी।
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आरोपियों ने बताया कि जाहिर का भाई पहले प्रयागराज में ही आधार कार्ड बनाने का काम करता था। जाहिर के भाई ने ही हमें प्रिंटिंग मशीन और स्कैनर लाकर दिया था। मस्जिद के मौलवी मोहम्मद तफसीरूत के कहने पर ही जाली नोट बनाने का काम चल रहा था, जिसके लिए मौलवी को हिस्सा भी दिया जाता था।
कई महीनों से चल रहा था जाली नोट छापने का काम
DCP सिटी दीपक भूकर ने बताया कि पूरा मामला अतरसुइया क्षेत्र के जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम के मदरसे का है। जाली नोट छापने का काम 6 महीने से चल रहा था। पुलिस की छापेमारी में जो शीट मिली है, उससे और 4 लाख रुपये छप जाते।
इस मामले में और भी लोग शामिल हैं, जिनकी जांच की जा रही है। आरोपियों ने बताया कि अब तक मार्केट में 1 से 2 लाख रुपये निकल चुके हैं। साथ ही आरोपियों ने अभी तक कहां-कहां जाली नोटों की सप्लाई की है, उसका पता लगाया जा रहा है।