Gorakhnath Temple Holi: होली के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के गोरखनाथ मठ मंदिर के परिसर में शोभायात्रा के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से देश में सनातन धर्म को फॉलो करने वाले लोग इस त्यौहार में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
वसुदेव कुटुंबकम
योगी ने बताया कि होली जैसे त्योहार पर यहां 1000 साल से यह परंपरा चली आ रही है। लोग अपनी संस्कृति को लेकर आभार व्यक्त करते हैं। इस अवसर पर हम समाज में खुशहाली स्थापित होने का संदेश प्रसारित करते हैं। यही इस शोभा यात्रा का मकसद है जिससे हमारे उत्साह के साथ समाज के प्रत्येक वर्ग के लोग आपस में कनेक्ट हो सके।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म वसुदेव कुटुंबकम की अवधारणा में यकीन रखता है। मुख्यमंत्री ने अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में होली को सेलिब्रेट भी किया। उन्होंने गुलाल उड़ेल कर होली मनाई। इस यात्रा की कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हैं। इन्हें आप यहां पर देख सकते हैं।
गोरखनाथ मंदिर की होली का संदेश है बड़ा
आपको बताते हैं कि गोरखनाथ मंदिर का अपना एक विशेष महत्व है। होली के अवसर पर यहां पर शोभा यात्राएं निकलती है जिसके जरिए खास संदेश दिया जाता है। ये शोभायात्राएं लोगों की आकर्षण का केंद्र होती है। यहां होलिका दहन और होलीकोत्सव में दो शोभायात्रा निकलती है।
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के बावजूद अपने व्यस्त समय में गोरक्षपीठाधीश्वर की अपनी भूमिका को भी निभाते हैं। गोरखनाथ पीठ में खास बात यह है कि यहां किसी तरह की छुआछूत, जाति या उच्च-नीच का कोई भेदभाव नहीं किया जाता, बल्कि समाज में व्याप्त खाई को काटने की निरंतर कोशिश की जाती है।
आज स्थिति यह है कि गोरखनाथ का ये मंदिर पूरे उत्तर प्रदेश में सामाजिक समरसता का पर्याय बन चुका है और यहां की होली की ख्याति किसी भी महीने में मथुरा या वृंदावन से काम नहीं है। योगी की शोभायात्रा का लोगों को इंतजार रहता है। यहां पर होलिका उत्सव की शुरुआत होलिका दहन की राख के तिलक लगाने के साथ होती है। होलिका दहन की राख लगाने के पीछे भी एक अवधारणा है की भक्ति की शक्ति को एक संदेश देना है, इसको सामाजिकता से छोड़ना है।