उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की RO/ARO परीक्षा के पेपर लीक मामले में यूपी STF ने बड़ा खुलासा किया है। यूपी STF के मुताबिक, भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। पेपर लीक कांड के मास्टर मांइड राजीव नयन मिश्रा ने प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी की मदद से परीक्षा से आठ दिन पहले प्रश्नपत्र बाहर निकलवा लिया था। इस पर कार्रवाई करते हुए यूपी एसटीएफ ने रविवार को सुनील रघुवंशी समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों को प्रयागराज के सिविल लाइन थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, पेपर लीक कांड के मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा ने पेपर लीक मामले की पूछताछ में खुलासा किया था कि RO/ARO परीक्षा का पेपर उसे सुभाष प्रकाश निवासी मधुबनी से मिला था, जिसके बाद से उसकी तलाश की जा रही थी। इतना ही नहीं जांच में एक के बाद एक छह नाम सामने आए, जिन्हें सूचना पाते ही यूपी STF ने रविवार को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया। STF ने जिन छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, इनमें सुनील रघुवंशी, मधुबनी का सुभाष प्रकाश, गया का अमरजीत शर्मा, संदीप पांडेय, प्रयागराज का विशाल दुबे और बलिया का विवेक उपाध्याय शामिल हैं।
10 लाख की हुई थी डील
मिली जानकारी के मुताबिक, पूछताछ में सुनील ने खुलासा किया कि परीक्षा के पेपर को लेकर उसकी राजीव नयन के साथ 10 लाख की डील हुई थी। जब RO/ARO परीक्षा का पेपर प्रिंटिंग के लिए आया तो सुनील रघुवंशी ने राजीव को सूचना देकर पेपर व्हाट्स एप पर भेज दिया।
बता दें, देश में पेपर लीक के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने 22 जून से पूरे देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है। इस नए कानून की अधिसूचना कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी की गई है। ये कानून इसी साल फरवरी में संसद में पारित हुआ था। इस कानून के लागू होने के बाद अब पेपर लीक में पाए जाने वाले दोषियों को 10 साल तक की सजा से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना देना होगा। वहीं, सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
इन परीक्षाओं में पेपर लीक होने पर होगी सजा
कानून लागू होने के बाद यूपीएससी , एसएससी, रेलवे द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाएं, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं के पेपर अगर लीक होते हैं, तो ऐसे में को लागू किया जाएगा।
जानें पूरा मामला
दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा 18 फरवरी को आयोजित हुई थी। 60 हजार से अधिक पदों पर यह भर्तियां निकाली गई थी। इन्हें देने के लिए सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार तक से युवा आए थे। इसके कुछ ही दिन बाद पता चला था कि परीक्षा के पेपर लीक हुए थे। ऐसे में योगी सरकार ने दोबारा एग्माज कराने की बात कही थी। साथ ही इस मामले की गंभीरता से जांच के लिए एक स्पेशल टीम का भी गठन किया गया था।