Akhilesh Yadav: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग को तीन महीने में नई सूची जारी करने का आदेश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा। सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “69000 शिक्षक भर्ती भी आख़िरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई।
यही हमारी माँग है कि नये सिरे से न्यायपूर्ण नयी सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियाँ संभव हो सकें और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके।
हम नयी सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हक़मारी या नाइंसाफ़ी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएँगे। ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है। सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएँ!।”
पिछड़ा व दलित वर्ग की जीत: केशव प्रसाद मौर्य
वहीं, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है।
यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया। उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं।
हाईकोर्ट ने मौजूदा लिस्ट को गलत मानते हुए किया रद्द
दरअसल, 69000 शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण का पालन न करने का मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में लंबित था। भर्ती में 19 हजार सीटों के आरक्षण को लेकर अनियमितता का आरोप लगाते हुए कई लोगों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हाईकोर्ट ने शिक्षकों की मौजूदा लिस्ट को गलत मानते हुए मेरिट लिस्ट को रद्द कर दी। साथ ही, योगी सरकार से तीन महीने के अंदर नई लिस्ट तैयार कर जारी करने का आदेश दिया।
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बता दें कि जब दिसंबर 2018 में यह लिस्ट आई थी, तभी से इस पर विवाद शुरू हो गया था। शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने 19 हजार पदों को लेकर आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उन्होंने पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे।
योगी सरकार ने दिसंबर 2018 में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए जनवरी 2019 में परीक्षा कराई थी, जिसमें 4.10 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। करीब 1.40 लाख अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में सफल हुए, जिनकी मेरिट लिस्ट जारी की गई। यह लिस्ट आते ही विवादों में घिर गई। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि आरक्षण के चलते उनका नाम लिस्ट में नहीं है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा 69000 शिक्षक भर्ती भी आख़िरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई।