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पहले अकबरनगर और अब रहीमनगर, फिर चलेगा बाबा का ‘बुलडोजर’

Demolish Illegal Construction Of Rahimnagar: अकबरनगर को जमींदोज करने के बाद कुकरैल रिवर फ्रंट के रास्ते में आ रहे रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थ नगर, पंतनगर, अबरारनगर के अवैध निर्माण गिराने को गिराने की तैयारी शुरू हो गई है। लगभग 20 मकानों में लाल निशान लगाया गया है, जिसे अब मिट्टी में मिला दिया जाएगा।
Demolish Illegal Construction Of Rahimnagar | Shreshth uttar Pradesh |

Demolish Illegal Construction Of Rahimnagar: पहले अकबरनगर में अवैध बस्तियां हुआ करती थी, लेकिन अब सिर्फ मलबा है। अभी कई अकबरनगर हैं, जहां बाबा का बुलडोजर चलेगा, जहां मकानों पर लाल निशान लगाए जा चुके हैं। बुलडोजर भी बुलाया जा चुका है। बस पर इंतजार है तो बुलडोजर चलने का। क्योंकि अकबरनगर को जमींदोज करने के बाद कुकरैल रिवर फ्रंट के रास्ते में आ रहे रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थ नगर, पंतनगर, अबरारनगर के अवैध निर्माण गिराने को गिराने की तैयारी शुरू हो गई है। लगभग 20 मकानों में लाल निशान लगाया गया है, जिसे अब मिट्टी में मिला दिया जाएगा।

यही नहीं कई और इलाकों के लिए भी सर्वे शुरू कर दिया गया है, जिन मकानों को गिराया जाना है, उस पर लाल निशान लगाया जा रहा है। यहां करीब 700 से ज्यादा अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलेगा। सिंचाई विभाग ने कहा है कि कुकरैल नदी के बहाव क्षेत्र के अलावा दोनों तरफ 50-50 मीटर तक हुए अवैध निर्माण को तोड़ा जाएगा। सर्वे के बाद यहां के अवैध मकानों पर बुलडोजर चलेगा। रहीम नगर में बड़ी संख्या में अपार्टमेंट और मकान बने हैं उनका गिरना तय है, जो अवैध तरीके से बनाए गए हैं।

नाले के ऊपर अवैध कब्जा

वहीं, अगर खुर्रमनगर की बात करें तो खुर्रमनगर से कुकरैल की तरफ जाने वाली सड़क पर 50 मीटर बाद ही अबरारनगर का इलाका शुरू होता है। यहां नदी, जिसे अभी नाला कहा जाता है उसकी चौड़ाई 40 फीट से भी कम है। इसी के दोनों तरफ मकान बना लिए गए हैं। यहीं बीच से नाला भी गुजरता है, इसपर अतिक्रमण कर कई मकान बनाए गए हैं, जो अवैध है जिसका भी सर्वे किया जा रहा है, जिसके बाद इन मकानों पर बुलडोजर चलाया जाएगा।

अगर यहां कुल अवैध मकानों की बात करें तो नाले के बाईं तरफ करीब 1500 मीटर तक 50 मीटर की चौड़ाई में करीब 350 से ज्यादा मकान हैं, जिनका टूटना तय है। जबकि दाईं तरफ भी 1500 मकान बनाए गए हैं, उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है। नदी के किनारे कई नए आलीशान मकान भी बने हैं, जिन पर भी बुलडोजर चलाया जाएगा।

वहीं, यहां रहने वाली सुमन श्रीवास्तव ने बताया कि वह लोग 34 साल से रह रहे हैं। हाउस टैक्स से लेकर वाटर टैक्स सब कुछ जमा कर रहे हैं। अब 34 साल बाद आकर अगर अचानक यह बता दिया जाए कि आपका मकान अवैध है तो किसी को भी परेशानी होगी। अब तक सरकारी विभाग के लोग क्या कर रहे थे। वहीं एक और व्यक्ति जितेंद्र ने बताया कि मकान के सभी कागज उनके पास हैं। अगर सिंचाई विभाग की जमीन होगी तो उसका खसरा खतौनी नंबर तो उनके पास होगा ही वह दिखाएं। हम लोगों के पास सारे कागज मौजूद हैं।

रहीमनगर के रहने वालों ने बताया कि उनका घर वैध है। उनके पास सभी जरूरी कागजात हैं। फिलहाल ये तो लोगों का कहना है, लेकिन सिंचाई विभाग इन लोगों के मकानों को अवैध बता रहा है। यहां आपको जानकारी दे दें कि सोमवार 8 जून को लखनऊ विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन, सिंचाई विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने रहीमनगर और इंद्रप्रस्थनगर में सर्वे किया। जिन मकानों को गिराया जाना है, उस पर प्रशासन की तरफ से लाल निशान लगाया गया। इसके बाद अबरनगर और पंतनगर में भी सर्वे किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, यहां करीब सात सौ से ज्यादा अवैध निर्माण है जिन पर बाबा का बुलडोजर चलना तय माना जा रहा है।

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