Ayodhya Rape Case: अयोध्या में 12 वर्षीय नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। दुष्कर्म पीड़िता के परिवार वालों को आरोपी पक्ष कई दिनों से बहलाने की कोशिश कर रहा था। निषाद समाज के अन्य लोगों के जरिए मामले में समझौता करने के लिए कई तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे थे। अब पुलिस की जांच और परिजनों के बयानों में एक-एक कड़ियां खुल रही हैं।
दरअसल, पूराकलंदर थाना क्षेत्र में भदरसा की एक मासूम के साथ सपा नेता और दूसरे आरोपी राजू ने पहले तो दुष्कर्म किया और फिर उसका वीडियो बनाया गया। जब दरिंदों का मन इससे भी नहीं भरा तो उन्होंने उस वीडियो को दिखाकर मासूम के साथ बार-बार दुष्कर्म किया। मामले का खुलासा तब हुआ जब वो मासूम दो महीने की गर्भवती हो गई।
पीड़िता के परिजनों को बहलाने की कोशिश कर रहे थे आरोपी पक्ष के लोग
इसके बाद आरोपी पक्ष के लोग पीड़िता के परिजनों को तरह-तरह से बहलाने की कोशिश कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, राजू घटना के बाद से ही सीतापुर में ही छिपा था। आरोपी पक्ष द्वारा सुलह-समझौता की कोशिशें नाकाम होने पर मुकदमा दर्ज हुआ तो इस मामले की एक-एक कड़ियां खुलने लगीं। हालांकि, पुलिस इस मामले में अभी खुलकर बोलने से बच रही है।
मोईद खान के परिजनों ने कही ये बात (Ayodhya Rape Case)
जानकारी के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से सपा नेता मोईद खान के खिलाफ चल रही कार्रवाईयों के बीच पहली बार आरोपी का परिवार भी सामने आया है। उन्होंने एक मीडिया चैनल पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि मोईद खान के खिलाफ हो रही कार्रवाई राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और एकतरफा है।
‘बीजेपी लोकसभा सीट हार गई, उसी का बदला लिया जा रहा है’ (Ayodhya Rape Case)
मोईद खान के भाई अब्दुल इकरार खान का कहना है कि जो हो रहा है राजनीति के कारण हो रहा है। यहां से बीजेपी लोकसभा सीट हार गई, उसी का बदला लिया जा रहा है। इस मामले की जांच करवाइए, अगर दोषी हैं तो कार्रवाई हो, लेकिन दोषी नहीं हैं तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो। वह खुद एसओ के बुलाने पर थाने गए थे। वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
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पीड़िता को किया गया रेफर
फिलहाल, दुष्कर्म पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू रेफर किया गया है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एंबुलेंस से सीएमओ डॉ. संजय जैन पीड़िता को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हुए।
अयोध्या दुष्कर्म कांड की पीड़िता हैवानियत की शिकार होकर गर्भवती हो गई है। उसे इलाज के लिए महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन यहां एक्सपर्ट और जरूरी संसाधनों की कमी के कारण डॉक्टरों ने उसके बेहतर इलाज के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजने की सलाह दी थी।