लखनऊ यूनिवर्सिटी ने 2024-25 शिक्षण सत्र से परमानेंट एफिलेशन के लिए 53 कॉलेजों को एफीलेशन लेटर जारी किया है। जारी लेटर में 30 अप्रैल तक स्थलीय निरीक्षण कराने और इसकी रिपोर्ट 31 अप्रैल तक जमा करने के निर्देश दिए गए है। साथ ही इस लेटर में उन कॉलेजों को जिनहोंने समय पर निरीक्षण नहीं कराया है, उन कॉलेजों में से यूजी और पीजी के कई स्लेबसों को बंद करने और एडमिशन को प्रतिबंधित करने की चेतावनी दी गई है। इस पर प्रतिक्रीया देते हुए रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा है कि जीन भी कॉलेजों ने समय से औपचारिकताएं पूरी नहीं की तो उनपर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एफीलेशन लेटर भेजने का कारण
इन कॉलेजों की सहयुक्तता 30 जून को समाप्त हो रही है, इसलिए लखनऊ यूनिवर्सिटी ने इन 53 कॉलेजों को एफिलेशन लेटर भेजा गया है। दरअसल 19 जून 2017 को हुई कार्य परिषद बैठक में एफिलेशन कॉलेजों में स्ववित्त पोषित योजना के तहत संचालित पाठ्यक्रमों के संबंध ये फैसला लिया गया था कि किसी भी कॉलेज को तीन वर्ष के अंदर परमानेंट एफिलेशन प्राप्त करना ही होगाऔर जो भी कॉलेज इसे तीन वर्ष के अंदर नहीं प्राप्त कर लेता उसे एक वर्ष का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। असके बावजूद भी अगर कोई कॉलेज स्थाई एफिलेशन नहीं प्राप्त कर पाता है तो उसे प्रतिवर्ष एक लाख रुपये अर्थदंड दिया जाएगा। साथ ही उन्हें तीन वर्ष का समय और दिया जाएगा। ये 53 कॉलेज अब तक परमानेंट एफिलेशन प्राप्त नहीं कर पाए है, जिस कारण लखनऊ यूनिवर्सिटी ने इन 53 कॉलेजों को एफिलेशन लेटर भेजा गया है।
ये कोर्स हो सकते है बंद
रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह के अनुसार, केकेसी में बीएससी सांख्यिकी, केकेवी में एमए अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, संस्कृत व राजनीतिशास्त्र, एमएससी रसायन, भौतिक, गणित, कालीचरण में बीकॉम ऑनर्स, बीएलआईएससी, बीजेएमसी, एमए शिक्षाशास्त्र, नवयुग में एमकॉम कॉमर्स, नेताजी सुभाष में एमएससी जंतु विज्ञान जैसे कोर्स को बंद किया जा सकता है।