यूपी में हरियाली बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बीते वर्षों की तरह इस साल भी ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ अभियान’ के अंतर्गत 36 करोड़ से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। इसे लेकर प्रदेश के एक्सप्रेस-वे को भी हरा-भरा करने की कवायद शुरू हो गई है। योगी सरकार प्रदेश के चार एक्सप्रेस-वे पर दो लाख से अधिक वृक्षों के पौधे लगाएगी। इसके अलावा यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में भी एक लाख पौधे रोपे जाएंगे। इसके लिए यूपी एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) ने पहल शुरू कर दी है।
गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे 500 हेक्टेयर में लगेंगे पेड़
यूपीडा के अधिकारियों के अनुसार गंगा एक्सप्रेस-वे के कैरिज वे और सर्विस रोड के बीच दोनों तरफ 500 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण एवं उनके 10 वर्षीय देख-रेख करने के लिए विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश वन विभाग को 36 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ अभियान 2024’ के अंतर्गत यूपीडा की ओर से संचालित चार अन्य एक्सप्रेस-वे पर भी 2 लाख 37 हजार से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। इनमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर 15 हजार, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 1 लाख 6 हजार, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर 25 हजार, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर 91 हजार 600 पौधे रोपे जाएंगे। इसके साथ ही यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 1 लाख पौधे रोपे जाएंगे। इनमें पीपल, पाकड़, बरगद, गूलर और नीम के 66 हजार 700 पौधे रोपे जाएंगे इसके अलावा बड़ी संख्या में फलदार वृक्षों के पौधे भी रोपे जाएंगे।
गंगा डॉल्फिन का होगा संरक्षण
वहीं यूपीडा की ओर से गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के अंतर्गत गंगा नदी में डॉल्फिन संरक्षण योजना के लिए वन विभाग को 16 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि प्रदान की जा रही है। वहीं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अंतर्गत माला नदी के पुनरुद्धार एवं जैवविविधता के संरक्षण के लिए यूपीडा द्वारा वन विभाग को पांच करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है।
इस वर्ष 36.46 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश में 20 जुलाई को ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान-2024’ महापर्व के रूप में मनाया जाएगा। योगी सरकार ने सबका साथ और सबके प्रयास की बदौलत इस वर्ष 36.46 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य तय किया है, जिसके सापेक्ष वन विभाग की ओर से 36.50 करोड़ पौधरोपण व उनके संरक्षण की तैयारी की है। प्रदेश के हरित क्षेत्र को 9 से बढ़ाकर 2026-27 तक 15 फीसदी तक ले जाना है।