Heavy Rain Alert In UP: उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के बाद अब बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद यूपी की नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और बाढ़ के हालात पैदा हो रहे हैं। साथ ही लोगों को जान-माल की हानि भी हो रही है। आकाशीय बिजली गिरने, मकान और पशुशाला बर्बाद होने से यूपी में सात लोगों की मौत की खबर है।
मौसम विभाग ने आज यानी सोमवार को प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बारिश होने की आशंका जताई है। इसके अलावा, 9 और 10 जुलाई को प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है, जिसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, कुशीनगर में नदी का जलस्तर उफान पर है। यहां नदी के जलस्तर ने खतरे के निशान को पार कर दिया है।
वहीं, श्रावस्ती (Shravasti) में नेपाल के पहाड़ों का पानी आने से अचानक राप्ती का जलस्तर बढ़ गया, जिसके कारण कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। इसके अलावा, जमुनहा तहसील और जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली टू लेन सड़क कट गई। टू लेन सड़क की जगह राप्ती नदी बह रही है। राप्ती नदी (Rapti River) में आई बाढ़ के कारण दर्जनों गांव के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
सीएम योगी ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने तेज बारिश को ध्यान में रखते हुए बाढ़ प्रभावित जनपदों के अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी इलाकों का भ्रमण कर राहत कार्य पर नज़र रखें और प्रभावित लोगों की मदद करें। साथ ही सीएम योगी ने आपदा से जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा और पशु हानि हुई, ऐसे प्रभावितों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं।
बाढ़ से पहले योगी सरकार की तैयारियां मुकम्मल, 612 बाढ़ चौकियां स्थापित
सीएम योगी ने कहा है कि भारी बारिश के कारण जल जमाव का खतरा बना हुआ है। इसका तत्काल समाधान निकाला जाये। जिन क्षेत्रों में बारिश के कारण या नेपाल से आने वाली नदियों में अत्यधिक पानी के कारण गांवों में पानी भर गया है, उन क्षेत्रों में पीड़ित परिवारों को जिला प्रशासन सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाए और जल्द से जल्द शिविरों में पुर्नस्थापित कर राहत सामग्री दी जाए।
इसके अलावा, आकाशीय बिजली या अन्य प्राकृतिक आपदा से हुई जनहानि के मामलों में 24 घण्टे के अन्दर राहत राशि 4 लाख रुपए स्थानीय जनप्रतिनिधि के माध्यम से प्रभावित परिवार को बांटी जाए।