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जाति देखकर ली गई जान… सुल्तानपुर एनकाउंटर पर अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

यूपी के सुल्तानपुर जिले में एक ज्वेलरी शॉप में दिनदहाड़े 1.5 करोड़ रुपये की लूट में शामिल अपराधी गुरुवार को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। अब इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के मुख्य अखिलेश यादव ने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी पर सुल्तानपुर डकैती मामले में शामिल लोगों के साथ 'गहरे संबंध' होने का आरोप लगाया।
MAkhilesh Yadav On Mangesh Encounter samajwadi-party-chief addressed-media

Mangesh Yadav Encounter: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में एक ज्वेलरी शॉप में दिनदहाड़े 1.5 करोड़ रुपये की लूट में शामिल अपराधी गुरुवार को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने अन्य चार लोगों के साथ मिलकर 28 अगस्त को ठठेरी बाजार में ज्वेलरी शॉप में लूट की थी। उसके सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था।

एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि सुल्तानपुर से लगभग 10 किमी दूर मिश्रीपुर मुरैना मोड़ पर तड़के करीब 3.25 बजे मुठभेड़ में डीएसपी डीके शाही और डीएसपी विमल सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ टीम की जवाबी फायरिंग में 28 वर्षीय मंगेश यादव मारा गया।

अब इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के मुख्य अखिलेश यादव ने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी पर सुल्तानपुर डकैती मामले में शामिल लोगों के साथ ‘गहरे संबंध’ होने का आरोप लगाया।

‘डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क’

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।”

अखिलेश ने कहा, “जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे।”

‘नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं’ (Mangesh Yadav Encounter)

अखिलेश यादव ने पोस्ट में आगे कहा, ” नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुँच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फँसाया जाता है। घोर निंदनीय!।”

अपराधी पर था एक लाख रुपये का इनाम घोषित (Mangesh Yadav Encounter)

एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि अपराधी ज्वेलरी शॉप में हुई सनसनीखेज डकैती में शामिल था और डकैती के मामले में नामित नौ अन्य लोगों के साथ उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। मंगेश यादव जौनपुर का रहने वाला था और उसके खिलाफ 2021 से 2024 के बीच जौनपुर, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर में लूट, डकैती और चोरी के सात मामले दर्ज थे।

डकैती को अंजाम देने में कई लोग थे शामिल

एडीजी यश ने बताया कि मंगेश यादव अमेठी के कुख्यात अपराधी विनय सिंह द्वारा संचालित गिरोह का सक्रिय सदस्य था। सिंह ने यादव और 12 अन्य लोगों की मदद से सुल्तानपुर डकैती की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। डकैती को अंजाम देने वाले 14 लोगों के गिरोह में अमेठी के नौ, जौनपुर के दो और प्रतापगढ़, आजमगढ़ और रायबरेली के एक-एक सदस्य शामिल थे।

मुख्य आरोपी ने किया आत्मसमर्पण

एडीजी यश ने आगे बताया कि विनय सिंह ने डकैती के दो दिन बाद रायबरेली की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है, जिसमें पिछले 17 सालों में अमेठी, रायबरेली, फतेहपुर, बाराबंकी और लखनऊ समेत पांच जिलों में जघन्य अपराधों के करीब 34 मामले दर्ज हैं।

विनय सिहं के खिलाफ सूरत (गुजरात) में बैंक डकैती का मामला भी शामिल है। उसको सूरत पुलिस ने करीब एक साल पहले अगस्त 2023 में सूरत के वाजगांव में एक बैंक डकैती के आरोप में गिरफ्तार किया था और दो महीने पहले ही उसे जमानत पर रिहा किया गया था।

डकैती को अंजाम देने के बाद साथियों को छोड़कर भागा

एडीजी ने बताया कि जमानत मिलने के बाद उसने 14 लोगों के गिरोह का दोबारा गठन किया, जिसमें तीन लोग पहली बार शामिल हुए, और सुल्तानपुर में डकैती की घटना को अंजाम दिया।

डकैती के बाद गिरोह रायबरेली चला गया, जबकि विनय सिंह ने डकैती के दो दिन बाद 31 अगस्त को रायबरेली की एक अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, क्योंकि उसके खिलाफ लंबित एक अन्य आपराधिक मामले में उसकी जमानत रद्द कर दी गई थी। सिंह ने अपनी योजना अपने साथियों को नहीं बताई और डकैती को अंजाम देने के बाद उन्हें छोड़कर भाग गया।

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मंगेश यादव के कब्जे से कई चीजें बरामद (Mangesh Yadav Encounter)

एडीजी ने बताया कि गिरोह के तीन सदस्यों सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह उर्फ ​​डबलू और त्रिभुवन कोरी, जो अमेठी के निवासी हैं, को मंगलवार को सुल्तानपुर में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस की जवाबी फायरिंग में तीनों के पैर में गोली लग गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने कथित तौर पर मंगेश यादव के कब्जे से 4.95 किलोग्राम चांदी, दो आग्नेयास्त्र, गोला-बारूद और एक मोटरसाइकिल भी जब्त की।


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