उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सोमवार को अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। इस दौरान सीएम योगी ने बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा को देखते हुए जारी तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को अलर्ट रहने के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बता दें, इस बैठक में यूपी के नए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव गृह दीपक कुमार, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, DGP प्रशांत कुमार और राज्य जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक मौजूद रहे।
हाल ही में यूपी के कई इलाकों में बारिश की वजह से बाढ़ के हालात बन रहे हैं। ऐसे में सीएम योगी ने नदी के किनारे बसे आवासीय इलाकों और खेती की सुरक्षा में नदियों का चैनेलाइजेशन की परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही सीएम योगी ने अधिक वर्षा के कारण जिस भी किसान की फसल खराब हो, उसे बिना देरी किए क्षतिपूर्ति कराई जाने के भी निर्देश दिए।
प्रदेश में बाढ़ की आशंका को ध्यान में रखते हुए सीएम योगी ने निर्देश दिए कि राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूम 24×7 एक्टिव मोड में रहे। साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसी फ्लड यूनिट और आपदा प्रबंधन की टीमों को भी 24×7 एक्टिव मोड में रहने के निर्देश दिए।
मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, इस साल पर्याप्त वर्षा होगी। इसको ध्यान में रखते हुए सीएम योगी ने अधिकारियों को कहा कि नेपाल और उत्तराखंड की सीमा से लगे जनपदों में सतर्कता बनाए रखें। आमजन की सुविधा और राहत एवं बचाव कार्य के बेहतर बेहतर प्रबंधन के लिए बाढ़ बुलेटिन और मौसम का पूर्वानुमान नियमित रूप से जारी किया जाना चाहिए।
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इन जिलों में बाढ़ का संकट सबसे अधिक
प्रदेश में के 24 जिले अति संवेदनशील श्रेणी में हैं, जिनमें बाढ़ का खतरा सबसे अधिक है। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं।