पर्यावरण संरक्षण के साथ पारंपरिक माटी शिल्प को उद्यमिता (entrepreneurship) से जोड़ने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने माटी शिल्पकारों (clay craftsmen) को बड़ी संख्या में टेक्नोलॉजी से जोड़कर उनके हुनर और कार्यक्षमता को निखारा है। हुनर निखारने और कार्यक्षमता को बढ़ावा देने के लिए अब सरकार बचे शिल्पकारों को भी टेक्नोलॉजी से जोड़ने जा रही है। इसके लिए माटी शिल्पकारों को इलेक्ट्रिक चाक (बिजली से चलने वाली चाक) और पगमिल (मिट्टी गूंथने की मशीन) भी दिए जाएंगे। माटीकला बोर्ड ने गोरखपुर में 35 शिल्पकारों को इलेक्ट्रिक चाक और समूह के जरिये 9 पगमिल बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
माटीकला बोर्ड की तरफ से दिए जाएंगे इलेक्ट्रिक चाक और पगमिल
बीते करीब सात सालों से मिट्टी की बनी वस्तुएं बाजार में खूब दिख और बिक रही हैं। खानपान की दुकानों पर भी अब मिट्टी के कुल्हड़ और बाकी बर्तनों की जबरदस्त डिमांड बनी हुई है। इससे पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है, तो मिट्टी के उत्पाद बनाने का पारंपरिक काम उद्यम की शक्ल ले रहा है। सरकार का जोर टेक्नोलॉजी के जरिए इस उद्यम को और बड़ा आकार देने पर है।
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मिट्टी के उत्पाद बनाने के पारंपरिक काम से जुड़े शिल्पकारों को तकनीकी से जोड़ने की पहल तो की ही, गोरखपुर में मिट्टी के विशेष शिल्प वाले टेराकोटा को एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल कर इसके लिए बड़ा बाजार भी उपलब्ध कराया। टेराकोटा से जुड़े शिल्पकारों को बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक चाक और पगमिल उपलब्ध कराई गई। टेराकोटा के अलावा बाकी मिट्टी शिल्पकारों को भी माटीकला बोर्ड की तरफ से इलेक्ट्रिक चाक और पगमिल वितरित कराने का अभियान भी लगातार जारी है।
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25 जून तक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
गोरखपुर के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी एके पाल का कहना है कि माटीकला से जुड़े कामगारों और शिल्पकारों के लिए माटीकला बोर्ड ने एक बार फिर उन शिल्पकारों को इलेक्ट्रिक चाक व पगमिल देने का लक्ष्य तय किया है, जो अब तक हस्तचालित चाक पर काम कर रहे हैं। गोरखपुर में इस बार 35 इलेक्ट्रिक चाक और 9 पगमिल बांटे गए हैं। पाल के मुताबिक, माटीकला से जुड़े 18 वर्ष से 55 वर्ष की उम्र तक के शिल्पकार इसके लिए माटीकला बोर्ड की वेबसाइट पर 25 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन सभी फॉर्म की हार्डकॉपी 25 जून तक विकास भवन के दूसरी मंजिल पर स्थित जिला ग्रामोद्योग कार्यालय में जमा करनी होगी। आवेदन के संबंध में और विस्तृत जानकारी के लिए जिला ग्रामोद्योग कार्यालय से भी संपर्क किया जा सकता है।