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यूपी में फैमिली प्लानिंग के लिए सास, बेटा, बहू सम्मेलन कराएगी योगी सरकार

योगी सरकार यूपी में फैमिली प्लानिंग के लिए सास, बेटा, बहू सम्मेलन कराएगी। इसके साथ ही जनसमुदाय को फैमिली प्लानिंग के बारे में जागरूक करने के लिए अलग-अलग गतिविधियों जैसे, सारथी वाहन और सास-बेटा- बहू सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा।
Yogi government | family planning | Shreshth Uttar pradesh |

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार परिवार नियोजन (Family Planning) को लेकर जागरूकता अभियान चलाने जा रही है। योगी सरकार यूपी में फैमिली प्लानिंग के लिए सास, बेटा, बहू सम्मेलन कराएगी। इसके साथ ही जनसमुदाय को फैमिली प्लानिंग के बारे में जागरूक करने के लिए अलग-अलग गतिविधियों जैसे, सारथी वाहन और सास-बेटा- बहू सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा। वहीं, पखवाड़े का तीसरा चरण सेवा प्रदायगी 11 से 24 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान सभी स्वास्थ्य इकाईयों में परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों (बास्केट ऑफ च्वाइस) के बारे में परामर्श दिया जाएगा। साथ ही योग्य और इच्छुक लाभार्थियों को यह साधन उपलब्ध भी कराए जाएंगे।

बता दें कि परिवार कल्याण कार्यक्रमों को गति देने और जनसंख्या स्थिरीकरण (population stabilization) को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार कोशिश में जुटा है। जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति समाज को जागरूक करने के लिए हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इसी के चलते प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।

विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान

वहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल का कहना है कि जनसंख्या पखवाड़ा हर साल मनाया जाता है, जिसमें अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता, समुदाय सक्रिय रूप से सहयोग करते हैं। इसके साथ ही साथ परिवार कल्याण के कई कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं। इन्ही सब का परिणाम है कि प्रदेश में सकल प्रजनन दर (Total Fertility Rate) में कमी आई है, जो हमें राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण से स्पष्ट होती है।

एनएफएचस- 5 (National Family Health Survey) की ( 2019-20 ) की रिपोर्ट के अनुसार टीएफआर (सकल प्रजनन दर) 2.4 है, जबकि एनएफएचस-4 (2015-16) में यह आंकड़ा 2.7 था। इसी बीच एक जून से 20 जून तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के प्रारंभिक चरण पर काम शुरू हो गया है। इसके तहत लक्षित दंपत्तियों को प्रेरित करने, सेवा प्रदायगी गतिविधियों को अच्छे ढंग से ज़मीन पर उतारने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसमें सेवा प्रदाताओं का क्षमतावर्धन, परिवार नियोजन साधनों की आपूर्ति और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर काम किया जा रहा है।

इस वर्ष जनसंख्या पखवाड़ा का नारा है- ‘विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपत्ति की शान। वहीं, इस बार की थीम “मां और बच्चे की सेहत के लिए गर्भधारण का सही समय और अंतर” रखी गयी है।

यह है बास्केट ऑफ च्वाइस

परिवार नियोजन के अस्थायी साधन जैसे त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, प्रसव के बाद इंट्रायूट्राइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), गर्भपात के बाद इंट्रायूट्राइन कॉन्सेट्राप्टिव डिवाइस (पीएआईयूसीडी), कॉपर टी, माला-एन, आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली (ईसीपी) और कंडोम आदि हैं।


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