उत्तर प्रदेश में नौकरियों पर मचा बवाल खत्म होने का नाम ही नही ले रही है। RO-ARO और पुलिस भर्ती के पेपर लीक होने को लेकर मचा घमासान थमा भी नही था कि अब लेखपाल भर्ती भी अधर में है। उत्तर प्रदेश में लेखपाल के 8 हजार 85 पद पर चयनित होने के बाद अभ्यार्थी नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे थें लेकिन अब सूचना मिल रही है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सिफारिश पर आयुक्त एव सचिव राजस्व परिषद ने फिलहाल नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी है। विभाग की तरफ से प्रदेश के सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर फिलहाल नियुक्ति पत्र वित्रित न करने के निर्देश दिये गये है। अचानक हुए इस फैसले से चयनित छात्र बेहद नाराज है वहीं रोजगार का सपना देख रहे चयनित छात्रों में भी इसे लेकर जबरदस्त गुस्सा हैं।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिकारियों से मिल रही जानकारी के मुताबिक लेखपाल भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक उम्मदीवार के सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद विभाग की तरफ से ये फैसला किया गया है। हांलाकि दोबारा सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करतें हुए विभाग को सेल्फ एसेसमेंट के बाद फैसला लेने के निर्देश दिये थे। लेकिन इसके बाद भी विभाग की तरफ प्रक्रिया आगे नही बढ़ाया गया। अब इसी बात को छात्रो ने मुद्दा बनाते हुए विभाग के सचिव को ज्ञापन सौंपा है। छात्रों का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने विभाग को एसेसमेंट कर फैसला लेने का अधिकार दिया है तो आखिर विभाग भर्ती को क्यूं अटका रहा है।
आपकों बता दे साल 2018 मे यूपीएसएससी ने 8085 लेखपाल पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसकी पूरी प्रक्रिया 30 दिसंबर 2023 में पूरी कर ली गयी थी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग ने राजस्व परिषद को चयनित अभियाथियों की सूची भेज दी थी जिसके बाद राजस्व विभाग ने 31 जनवरी तक अपने अपने आंवटित जिलों में आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश भी दे दिये थे यहां तक कि सूत्रों के मुताबिक 23 फरवरी को खुद प्रधानमंत्री चयनित अभियार्थियों को नियुक्ति पत्र देने वाले थे लेकिन विभाग के फैसले के बाद अभियार्थियों का सपना टूट गया।