US Presidential Election: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक दूसरे के खिलाफ तैयार हैं।
ऐसे में कई राजनीतिक पर्यवेक्षक अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के लिए हो रहे इस चुनाव को कई दशक में सबसे महत्वपूर्ण चुनावी दौड़ बता रहे हैं।
अपने चुनाव प्रचार अभियान के अंतिम दिनों में उपराष्ट्रपति हैरिस ने आशा, एकता, आशावाद और महिला अधिकारों के संदेश पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि ट्रंप डेमोक्रेटिक पार्टी की अपनी प्रतिद्वंद्वी पर निशाना साधने में उग्र रहे। उन्होंने यहां तक कहा कि हार की स्थिति में वह चुनाव परिणाम को स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
ट्रंप को ऐसे मिला राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए नामांकन
ट्रंप को मार्च में अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए नामांकन मिला। वहीं, जुलाई में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (आरएनसी) में औपचारिक रूप से उन्हें नामांकन प्राप्त हुआ। कई अदालती मामलों के कारण महीनों तक राजनीतिक निष्क्रयता के बाद यह उनकी ऐतिहासिक वापसी थी।
रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन (आरएनसी) से कुछ ही दिन पहले पेंसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान ट्रंप को निशाना बनाकर गोली चलाई गई। गोली उनके कान के ऊपरी हिस्से में लगी। कुछ ही मिनटों बाद, खून से लथपथ ट्रंप ने विरोध में अपनी मुट्ठी उठाई। इन तस्वीरों से उनके कट्टर समर्थकों के बीच उन्हें काफी भावनात्मक समर्थन मिला।
बाइडन ने हैरिस को अपना उत्तराधिकारी बनाने का किया समर्थन
वहीं, जुलाई में राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी छोड़ दी। कुछ ही सप्ताह पहले ट्रंप के साथ टेलीविजन पर बहस के दौरान अपने निराशाजनक प्रदर्शन के कारण वह सवालों के दायरे में आ गए थे।
बाइडन ने चुनावी दौड़ से बाहर होने पर डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार के रूप में हैरिस को अपना उत्तराधिकारी बनाने का समर्थन किया। आखिरकार अगस्त में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन ने औपचारिक रूप से हैरिस को राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नामित किया।
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बाइडन ने कहा, अगर हैरिस यह चुनाव जीत जाती हैं, तो वह अमेरिका की राष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला, पहली अश्वेत महिला और दक्षिण एशियाई मूल की पहली व्यक्ति बन जाएंगी। पूरे चुनाव प्रचार अभियान में हैरिस ने इस चुनाव को देश की मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने वाले चुनाव के रूप में पेश किया।
वहीं, ट्रंप ने अपनी विशिष्ट आक्रामक बयानबाजी को जारी रखा और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण और अमेरिका को अवैध अप्रवासियों से मुक्त करने का वादा किया है।