पहले काशी में मोदी फिर दिल्ली दौरे पर CM योगी, लोकसभा चुनाव से पहले हो रही है क्या बड़े ऐलान की तैयारी? क्या दिल्ली से आया आदेश हिला देगा लखनऊ के सियासी कैंप? दिल्ली में हलचल के बीच लखनऊ में छाया सन्नाटा दे रहा है बहुत बड़े संकेत, दरअसल लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले लखनऊ से दिल्ली तक BJP के खेमे में बहुत तेजी से हालात बदल रहे हैं। जहां PM मोदी में काशी का दौरा कर, डबल इंजन की सरकार के कामकाज से जनता को रबरू कराया है, तो वहीं PM मोदी के इस दौरे के कुछ घंटों बाद CM योगी BJP के दिल्ली दरबार में शिरकत करने के लिए, दिल्ली के दौरे पर निकल गए। ऐसा क्यों हो रहा है।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक, BJP के टिकट बंटबारे पर मंथन का दौर जारी है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि BJP इस बार अपने उम्मीदवारों के चयन के वक्त, जातिगत समीकरण को काफी हद तक भुनाना चाहती है। BJP की नज़र उस PDA पर है जिसे अखिलेश यादव, सावर्जनिक तौर पर BJP का सबसे विरोधी वर्ग करार दे चुके हैं। BJP, सपा, कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक में सेंधमारी करने की प्लानिंग के तहत, अपने प्रत्याशियों के चयन में हर मुमकिन सावधानी बरत रही है। और अखिलेश की माने तो इस बार यूपी में BJP, अपने वर्तमान सभी सांसदों का टिकट काटकर, सिवाए एक को छोड़कर,नए प्रत्याशियों पर दांव खेल सकती है।
तो उधर कांग्रेस सपा से गठबंधन के बाद, मिली तय सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर रही है। मगर अंदरखाने ख़बर ये है कि कहीं ना कहीं कांग्रेस रायबरेली और अमेठी में पार्टी के प्रत्याशियों के चयन मे उलझी हुई है और आखिरी फैसले तक नहीं पहुंच पा रही है। जहां माना जा रहा है रायबरेली से गांधी परिवार को कोई सदस्य मतलब, प्रियंका या राहुल में से कोई एक चुनावी मैदान में उतर सकता है। तो वहीं अमेठी में भी, इन दोनों में से ही किसी एक के मैदान में उतरने की अटकले लगाई जा रही है। ऐसे में BJP का खेमा तैयार है और ताबड़तोड़ मैराथन बैठकों के दौर से गुजरकर, विरोधी खेमों को अपने प्रत्याशियों के नाम के ऐलान के साथ हिलाने की तैयारी में है। संकेत तो ऐसे भी मिल रहे हैं कि वोरिधियों से ज्यादा तो इस बार BJP के उन नेताओं को बड़ा झटका लगने वाला है, जो अबतक BJP की टिकट पर दिल्ली तक का सफर तय करने के सपने देख रहे थे। क्योंकि इस बार PM मोदी का लक्ष्य साफ है, वो 400 पार के नारे पर ज़ोर दे रहे हैं, और इस प्लान को एग्ज़ीक्यूट करने की हर मुमकिन कोशिश हो रही है।
दरअसल चुनावी साल 2024 में लोकसभा चुनाव में जीत की खातिर, तमाम सियासी दल अपने अपने तरीके से जनता के बीच पैठ बनाने के लिए कवायद कर रहे हैं। इसी कड़ी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो मानो पूरी पिक्चर ही बदल डाली है। क्योंकि अभी तक एक तरफ जहां BJP, कांग्रेस, BSP लोकसभा चुनाव की सियासी बिसात पर अपने योद्धाओं के चयन में उलझी हुई है। दूसरी तरफ साइकिल वाले भइया ने यूपी की 30 से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशियों को साइकिल देकर जनता के बीच जनाधार तलाशने के लिए रवाना कर दिया है। और अपने प्रत्याशियों के चयन में जाति, जनसंख्या, स्थानीय मुद्दों के तमाम जोड़ गणित को सुलझाने की कोशिश की है। अखिलेश यादव ने हर एक कदम फूंक फूंक कर आगे बढ़ा रहे हैं। और उन्होंने जहां-जहां उम्मीदवार अपनी पार्टी के उतारे हैं। वहां वहां तमाम दलों को सपा की पिच पर ही बैटिंग करने को मजबूरकर दिया है।