Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारी में जुटी हुई है। पीडीए की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही समाजवादी पार्टी ने सूत्रों की माने तो प्लान बनाया है, कि कैसे एनडीए को इन चुनाव में मात देनी है। चुनाव की घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी महासमर में उतरने के लिए नए सिरे से कदम बढ़ा रही है। इस बार सपा ने 40 फ़ीसदी से ज्यादा वोट पाने का लक्ष्य रखा है।
समाजवादी पार्टी ने इस बार लक्ष्य रखा है कि इस बार 8% ज्यादा यानी कुल 40 फ़ीसदी तक वोटों की संख्या को ले जाना होगा। सपा के माइक्रो लेवल पर जाकर अपने वोटरों की साधने की यह रणनीति अगर कामयाब होती है तो एनडीए को बहुत बड़ी हानि होगी। पार्टी को इस बात का इल्म है कि वोट प्रतिशत के लिए लिहाज से उसका सबसे ज्यादा निराश करने वाला प्रदर्शन पिछले लोकसभा चुनाव में ही हुआ था। साल 2019 में समाजवादी पार्टी को 18.11 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे।
पिछले 24 साल में हुए नौ लोकसभा और विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का वोट प्रतिशत सबसे ज्यादा 2022 के विधानसभा चुनाव में रहा था। जिसमें पार्टी को 32 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे। सपा को साल 2012 के विधानसभा चुनाव में 224 सीटें मिली थीं और मत प्रतिशत 29.15 रहा था। इस लिहाज से समाजवादी पार्टी अपने वोट प्रतिशत में कम से कम 8 फीसदी की बढ़ोतरी पर काम कर रही है। जिसके चलते इंडिया गठबंधन की मुख्य धुरी होने के नाते सपा यहां से 2004 के लोकसभा चुनाव जैसी कामयाबी पा सके। कुल 62 सीटों पर लड़ रही सपा ने गठबंधन दलों के बीच वोट ट्रांसफर पर भी जोर दे रखा है।
बूथ मैनेजमेंट पर जोर देते हुए समाजवादी पार्टी ने इस बार पीडीए के आधार पर बूथ कमेटिया गठित भी कर ली है अब इनका काम बूथ तक वोटरों को लाने का भी है और मतदान के लिए जागरूकता फैलाने का है। अखिलेश यादव ने कुछ समय पहले पार्टी की बैठक में कहा था कि बूथ मैनेजमेंट सही ना हो पाने के चलते ही अभी तक अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। इसलिए सबसे ज्यादा जोर बूथ मैनेजमेंट पर लगाना होगा। सपा की पूरी कोशिश है कि चुनाव एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन हो ताकि इसमें बीएसपी के लिए कोई भी जगह ना बचे। इसलिए भाजपा विरोधी वोटो का समर्थन हासिल करने की भरसक कोशिश समाजवादी पार्टी के द्वारा की जा रही है।