आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कुछ दिनों पहले हुए बीजेपी और आरएलड़ी के गठबंधन के ऐलान के बाद अब जयंत चौधरी और पीएम मोदी साझा रैली की तैयारी जोरों पर चल रही है। सूत्र ये बता रहे हैं आरएलडी इसी रैली के जरिये चुनाव प्रचार की शुरुआत करेगी। हालांकि महत्वपूर्ण ये भी है अभी तक बीजेपी की तरफ से आरएलडी को दी जाने वाली सीटों को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है। कोई भी आधिकारिक पुष्टि न होने की वजह से दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं की बेचैनी बढ़ी हुई है। इस बीच अटकलों का बाजार गर्म है।
एक तरफ बीजेपी ने गठबंधन पर चुप्पी साधी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ छपरौली में पीएम मोदी और जयंत चौधरी के साझा रैली की तैयारी चल रही है। इसी के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव का श्री गणेश होगा। हालांकि छपरौली में होने वाली रैली के लिए पीएम मोदी की तरफ से कोई फाइनल डेट नहीं दी गयी है लेकिन जानकार ये बता रहे हैं कि अगले हफ्ते ही रैली को लेकर तस्वीर साफ हो जायेगी। आरएलडी नेताओं का कहना है कि जल्द ही जयंत चौधरी पीएम मोदी से मिलेंगे और स्व चौधरी चरण सिंह भारत रत्न का ऐलान करने के बाद उन्हे धन्यवाद देंगे। साथ ही आरएलडी और बीजेपी के संयुक्त रैली को लेकर बातचीत भी होगी। इसके साथ ही आरएलडी के विधायकों को यूपी मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर बात होगी। जानकार ये बता रहे है कि एक मुस्लिम और एक जाट को यूपी में बनाया जायेगा।
छपरौली ही क्यों ?
छपरौली आरएलडी की पारम्परिक सीट मानी जाती है। जयंत चौधरी के दादा और स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह ने इस सीट से अपना लंबा सियासी सफर तय किया है। चौधरी चरण सिंह इस सीट से चुनाव जीतकर विधायक, सांसद , मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बने। जिसके बाद इस सीट को आरएलडी का अभेद किला माना जाता है। और अब छपरौली में बीजेपी और आरएलडी की संयुक्त रैली होनी है।