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भारत का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओबीसी-मुस्लिम आरक्षण को लेकर आए कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है। साथ ही सीएम योगी ने उच्च न्यायालय ने टीएमसी सरकार के फैसले को पलटा है और एक जोरदार तमाचा मारा है।
Yogi government preparations complete before flood 612 flood posts established

लोकसभा चुनाव के बीच सभी राजनीतिक पार्टियां जाति और धर्म के नाम पर आरक्षण को लेकर एक-दूसरे पर जमकर हमला बोल रही हैं। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने ओबीसी-मुस्लिम आरक्षण को लेकर आए कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है। साथ ही सीएम योगी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister of West Bengal Mamata Banerjee) और TMC की सरकार पर जमकर हमला बोला है।

सीएम योगी ने कहा कि कोलकाता हाइकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर नहीं बल्कि मुस्लिम आरक्षण को लेकर जो फैसला दिया है, वह स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता। सीएम योगी ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने राजनीतिक तुष्टिकरण पर चलते हुए 2010 में 118 मुस्लिम जातियों को जबरन ओबीसी में डाल कर ये आरक्षण दिया था। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ओबीसी का हक जबरदस्ती हड़प रही थी।

धर्म के आधार पर हुआ था देश का विभाजन

सीएम योगी ने आगे कहा कि इसी असंवैधानिक कृत्य पर उच्च न्यायालय ने टीएमसी सरकार के फैसले को पलटा है और एक जोरदार तमाचा मारा है। यह कार्य असंवैधानिक था, इसे अनुमति नहीं दी जा सकती है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा में इसे बार बार कहा था। उन्होंने बताया कि भारत में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए और मंडल कमीशन के बाद ओबीसी की सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को ध्यान में रखते हुए आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। धर्म के आधार पर आरक्षण की इजाजत भारत का संविधान कभी नहीं देता। बाबा साहब ने इसके लिए बार बार देश को आगाह किया था कि धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ था और हमें ऐसी कोई स्थिति नहीं पैदा करना चाहिए जो देश को विभाजन की ओर धकेले।

मुख्यमंत्री ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को नजीर बताते हुए कहा कि कर्नाटक के अंदर भी कांग्रेस सरकार ने ओबीसी के अधिकार पर इसी प्रकार की सेंधमारी करते हुए मुसलमानों को आरक्षण देने का काम किया है। साथ ही आंध्र प्रदेश में भी इसी प्रकार की शरारत की गई थी। इन सबका जोरदार विरोध करना जरूरी है। किसी भी असंवैधानिक कार्य को, जो भारत के विभाजन की आधारशिला रखने वाला हो, भारत को कमजोर करने वाला हो उसे कतई स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।


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