उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर योगी सरकार लोगों को जागरूक कर रही है। सरकार ने अब परिवहन निगम की बसों के माध्यम से सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता और प्रचार प्रसार किए जाने का निर्णय लिया है। निगम की बसों के पीछे सड़क सुरक्षा के स्लोगन और संदेश लगाए जाएंगे। इसके लिए सरकार की ओर से परिवहन निगम को 10 करोड़ की धनराशि दी जाएगी।
बैठक में 2024-25 में राजस्व वृद्धि के विषय पर हुई चर्चा
प्रदेश के राज्य सड़क परिवहन निगम और प्रमुख सचिव परिवहन एल वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक के दौरान परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2024 -25 में राजस्व में वृद्धि के विषय पर चर्चा हुई। इस बैठक में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को 10 करोड़ रुपए की धनराशि दिए जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया। इस राशि से प्रदेश भर में संचालित हो रही सभी बसों के माध्यम से सड़क सुरक्षा का संदेश दिया जाएगा।
इस समय परिवहन निगम प्रदेश भर में 11,800 बसों का संचालन कर रहा है, जिसमें से 2500 बसें चुनाव ड्यूटी में लगी हैं। इन सभी बसों के पीछे सड़क सुरक्षा के स्लोगन और संदेश के माध्यम से जन जागरूकता का प्रयास किया जाएगा। इसमें अपनी साइड में वाहन चलाने, कार चलाते वक्त सीट बेल्ट लगाने, एल्कोहल का सेवन कर वाहन न चलाने के साथ सड़क सुरक्षा से संबंधित अन्य संदेश शामिल होंगे।
सड़क सुरक्षा पर आयोजित की जा रहीं विभिन्न गतिविधियां
उत्तर प्रदेश सरकार और परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीरता के साथ काम कर रहा है। हाल ही में 22 अप्रैल से 4 मई के बीच सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाया गया, जिसमें बड़े पैमाने पर गतिविधियों के जरिए लोगों को सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया गया। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा के पास चालकों के स्वास्थ्य और आंखों की जांच के लिए कैंप लगाए गए, जबकि टोल प्लाजा पर ट्रैक्टर ट्रालियों में रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जाने की भी कार्रवाई की गई।
इसके अलावा, एनएचएआई पर अवैध कट बंद कर चेतावनी बोर्ड लगाने, ओवरलोडिंग के साथ ही रोड सेफ्टी क्लब एवं वालंटियर्स के जरिए 18 वर्ष से कम आयु के युवाओं को वाहन न चलाने के प्रति जागरूक किया गया, तो वहीं दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट अनिवार्य रूप से पहनने, स्टंटिंग न करने, रांग साइड ड्राइविंग, ओवरस्पीड, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न किए जाने के लिए प्रेरित किया गया।