यूपी में 10 सीटों के लिए होने जा रहे राज्यसभा चुनाव दिलचस्प हो गए हैं। जानकारों की माने तो समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के तीनों सहयोगी दलों सहित पांच दलों में सेंध लगाने की रणनीति बनाई है। उन्हें तोड़ने के लिए साम दाम दंड भेद की नीति अपनाई जा रही है। इस बीच समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने 24 फरवरी को अपने सभी विधायक लखनऊ तलब कर लिए हैं।
किसी तरह की टूट फूट रोकने के लिए सभी विधायकों को एक जगह ठहरने की तैयारी की जा रही है। जिस तरह से फुटबॉल के खेल में खिलाड़ी को घेरने का गेम प्लान होता है कि हर खिलाड़ी के पीछे प्रतिद्वंदी टीम अपना एक खिलाड़ी लगा देती है ठीक उसी तरह सपा ने भी भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी अपना दल सोनेलाल पटेल सुभस्पा, राष्ट्रीय लोक दल और राजा भैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के विधायकों से बात करने के लिए अपने संगठन के लोग लगा दिए हैं।
इन पांचो दलों के हर विधायक से समाजवादी पार्टी के एक-एक विधायक बात कर रहे हैं उनके साथ बैठक कर उन्हें सपा प्रत्याशी को वोट देने की हर संभावना पर बात की जा रही है। इन पांचो दलों में कभी ना कभी सपा से जुड़े रहे विधायक भी हैं जिनके सपा विधायकों से अच्छे संबंध है इन सबके बीच समाजवादी पार्टी ने मतदान संबंधी प्रशिक्षण के लिए अपने सभी विधायकों को 24 को ही लखनऊ में तलब कर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक सेंधमारी की आशंका को देखते हुए विधायकों को तीन दिन पहले बुला लिया गया है सभी को पार्टी अपने खर्चे पर एक ही स्थान पर ठहराएगी। राज्यसभा चुनाव में सपा के तीन प्रत्याशी राम जी लाल सुमन, जया बच्चन और आलोक रंजन मैदान में है दो प्रत्याशियों को जीतने के लिए सपा के पास पर्याप्त वोट है जबकि तीसरा प्रत्याशी जिताने के लिए सपा को 111 वोट चाहिए। सपा की मुश्किल पल्लवी पटेल भी बढ़ा रही है जो पहले ही कह चुकी है कि वह सपा के दलित चेहरे रामजीलाल सुमन को तो अपना समर्थन देंगे लेकिन जया बच्चन और आलोक रंजन को समर्थन देने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है।