M-Sand: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नदी रेत और मोरम के स्थान पर ‘एम-सैंड’ (Manufactured sand) को प्रोत्साहित करने पर बल दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार बहुत जल्द M-Sand नीति लागू करने जा रही है, जिससे प्राकृतिक रेत/मोरम के एक नए विकल्प मिल सकेंगे।
सस्टनेबल विकास के लिए M-Sand बेहतर विकल्प
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को खनन विभाग के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने M-Sand नीति पर बातचीत करते हुए कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि पर्यावरण और नदियों के इकोसिस्टम को बिना नुकसान पहुंचाए सस्टनेबल विकास को गति दी जाए। इसके लिए M-Sand एक बेहतर माध्यम है। उन्होंने कहा कि नदी तल से मिलने वाली बालू की सीमित मात्रा और इसकी बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए M-Sand को नदी तल से प्राप्त होने वाली बालू के विकल्प के रूप में बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे रोजगार के नए अवसर को बढ़ावा मिलेगा।
M-Sand की कीमत मोरम-बालू की तुलना में कम
M-Sand नीति पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि M-Sand के गुणवत्ता मानकों को बनाये रखना बहुत जरूरी है।क्योंकि इसमें जीवन और सम्पत्ति की सुरक्षा शामिल है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी M-Sand निर्माता अपने उत्पाद के लिये बीआईएस प्रमाणीकरण अनिवार्य रूप से प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि आम जनता को M-Sand सुविधाजनक रूप से उपलब्ध हो सके तथा M-Sand की कीमत प्राकृतिक मोरम/बालू के सापेक्ष कम हो। इसके लिए प्रयास किया जाना चाहिए।
खनन कार्यों के लिए जिलों से ही जारी होगा ईएमएम-11
खनन पट्टा धारकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने ई-अभिवहन प्रपत्र (ईएमएम-11) जारी करने की व्यवस्था को और आसान बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि फॉर्म जारी करने की प्रक्रिया जनपद स्तर से ही होनी चाहिए। इसके लिए एक समय सीमा तय होनी चाहिए। निदेशालय से इसकी मॉनिटरिंग की जाए।
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ओवरलोडिंग रोकने के लिए जीरो पॉइंट पर कार्रवाई
वर्तमान में खनिज परिवहन से जुड़े वाहनों की ओवरलोडिंग को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने जनपदों में टास्क फोर्स को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग रोकने के लिए सबसे बेहतर है जीरो पॉइंट पर कार्रवाई की जाए। यानी खनन स्थल पर जहां से बालू, मोरम, गिट्टी आदि उपखनिज वाहन में लोड किया जाता हो, कार्रवाई वहीं होनी चाहिए। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, परिवहन और खनन विभाग के स्थानीय अधिकारियों की सम्मिलित टीम एक टास्क फोर्स के रूप में प्रभावी कार्रवाई करे।
बरसात के मौसम में बालू/मोरम की कीमतों को नियंत्रित रखने पर जोर देते हुए सीएम योगी ने इनके भंडारण व्यवस्था की भी समीक्षा की। वर्ष 2023-24 में जहां 533 भंडारण स्थल थे, वहीं इस साल में 645 भंडारण स्थल हैं। पिछले साल की तुलना में सापेक्ष भंडारण की मात्रा में भी वृद्धि हुई है।