महोबा जनपद का एक ऐसा गांव जो पिछले 50 वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। कई सरकारें आईं और गई, लेकिन इस गांव को एक पक्की सड़क नसीब नहीं हो पाई। बीते चुनावों में जनप्रतिनिधियों के वादे भी इस सड़क को नहीं बनवा पाए तो अब ग्रामीण इस लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर अपने आक्रोश को जाता रहे हैं। सड़क न होने के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और गांव का विकास तो अधूरा है ही साथ ही यहां युवकों के विवाह तक में अड़चन पैदा हो रही है। ऐसे में गांव में “रोड नहीं तो वोट नहीं” के बैनर पोस्टर लगा दिए गए। अधिकारियों को भी इस बाबत एक प्रार्थना पत्र दिया जा चुका है। ग्रामीण गांव की मुख्य सड़क को पक्का बनवाए जाने की मांग पर अड़े हैं और सड़क न बनने की दशा में लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सेदारी न करने की बात कह रहे हैं।
ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
महोबा जनपद में पांचवें चरण में होने वाले मतदान की तैयारी में जिला प्रशासन जुटा हुआ है और लोगों से बढ़-चढ़कर वोट करने की अपील की जा रही है। लेकिन, जनपद का एक गांव ऐसा भी है जहां के लोग गांव का विकास न होने से इस कदर आहत हैं कि उन्होंने चुनाव में भागीदारी करने से ही मना कर दिया और वोट का बहिष्कार कर अपनी नाराजगी जताई है। कुलपहाड़ तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम सीगौन का यह मामला है। जहां रहने वाले ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के न मिल पाने के कारण इस बार चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।
“रोड नहीं तो वोट नहीं”
यह गांव मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है जिसकी आबादी तकरीबन 5000 बताई जा रही है तो यहां करीब 2000 मतदाता हैं। लेकिन, यह सभी जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और किए गए वादे पर कोई ध्यान न दिए जाने से इस कदर नाराज हैं कि इन्होंने चुनाव का ही बहिष्कार कर डाला है। गांव के प्रवेश करते ही बैनर पोस्टर लगाकर ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार किया और गांव के आम रास्तों में भी चुनाव बहिष्कार के बैनर पोस्टर लगाए गए हैं। जिसमे लिखा है कि जब तक उन्हें रोड नहीं मिल जाती वह वोट नहीं करेंगे।
युवाओं के विवाह में रोड़ा बन रही है टूटी सड़क
ग्रामीणों का कहना है कि हालात इतने खराब है कि इस गांव में कोई अपनी बेटी का विवाह करने के लिए तैयार नहीं होता यहां आने वाले रिश्ते इस सड़क के कारण नहीं हो पाते। उनकी माने तो जो भी यहां रिश्ता लेकर आता है सड़क को खराब देख शादी करने से ही मना कर देता है। जिस कारण यहां के युवाओं का समय से विवाह भी नहीं हो पा रहा। यही वजह है कि ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी को जताते हुए पूरे गांव में बैनर पोस्टर लगा दिए और खुले तौर पर लिख दिया कि जब तक उन्हें समस्या से निजात नहीं मिलेगी और गांव को हाईवे से जोड़ने वाली सड़क नहीं बनाई जाएगी तब तक वह अपने मत का प्रयोग नहीं करेंगे। यही नहीं ग्रामीणों ने इस बाबत अधिकारियों को भी प्रार्थना पत्र भेज कर बता दिया है कि “रोड नहीं तो वोट नहीं”।
अधिकारी ने की ये अपील
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर उप जिला निर्वाचन अधिकारी रामप्रकाश के मुताबिक, मामला उनके संज्ञान में आया है जिसके लिए कुलपहाड़ तहसील के एसडीएम और एआरओ को निर्देश दिए गए हैं। वह खुद ग्रामीणों से बात कर समस्या का हल निकालने में जुटे हैं। ग्रामीणों की समस्या को लेकर वार्ता की जा रही है जिन समस्याओं का निदान अभी संभव होगा कराया जाएगा और समस्याएं आचार संहिता के बाद के समाधान की होंगी उसके लिए आश्वासन देकर ग्रामीणों को लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी करने की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी लोग चुनाव में अपने मत का प्रयोग कर अपनी मनपसंद सरकार को चुनने में सहभागिता करें।