जौनपूर जिला अदालत ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बुधवार को 7 साल की सजा सुनाई है। साथ ही पूर्व सांसद के ऊपर 50 हजार जुर्माना भी लगाया है। अदालत के इस फैसले के बाद धनंजय सिंह अब चुनाव में खड़े नहीं हो पाएंगे। मंगलवार को अदालत ने पूर्व सांसद और उनके साथी संतोष विक्रम को दोषी करार दिया था। साथ ही सजा सुनाने के लिए अदालत ने 6 मार्च की तारीख दी थी।
क्या था मामला?
10 मई 2020 को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने एफआईआर दर्ज कराई, ये एफआईआर पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम के खिलाफ दर्ज करवाई गई थी। पूर्व सांसद पर एफआईआर में गंभीर आरोप लगाए गए थे, आरोप था कि धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम ने मिलकर उनको किडनैप किया। दर्ज FIR में ये भी बताया गया है कि अभिनव सिंघल को किडनैप करके उन्हें धनंजय सिंह के घर पर ले जाया गया जहां धनंजय सिंह गन लेकर आए और गालियां देते हुए उनपर यह दबाव बनाया कि वह कम गुणवत्ता वाली सामग्री का इस्तेमाल करें। इनकार करने पर उन्हें पूर्व सांसद ने धमकी दी और साथ ही उनसे रंगदारी भी मांगी।