पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी के मामले में अदालत ने दोषी करार दिया है। आज यानि बुधवार को जौनपुर की जिला अदालत आरोपी को सजा सुनाएगी। जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का अपहरण कराने और रंगदारी मांगने के आरोप लगे थे। इन आरोपो के बाद पूर्व सांसद को गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल पूर्व सांसद धनंजय सिंह और संतोष विक्रम जेल में बंद है।
क्या है मामला?
10 मई 2020 को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने एफआईआर दर्ज कराई, ये एफआईआर पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम के खिलाफ दर्ज करवाई गई थी। पूर्व सांसद पर एफआईआर में गंभीर आरोप लगाए गए थे, आरोप था कि धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम ने मिलकर उनको किडनैप किया। दर्ज FIR में ये भी बताया गया है कि अभिनव सिंघल को किडनैप करके उन्हें धनंजय सिंह के घर पर ले जाया गया जहां धनंजय सिंह गन लेकर आए और गालियां देते हुए उनपर यह दबाव बनाया कि वह कम गुणवत्ता वाली सामग्री का इस्तेमाल करें। इनकार करने पर उन्हें पूर्व सांसद ने धमकी दी और साथ ही उनसे रंगदारी भी मांगी।
हालांकि, पूर्व सांसद ने मैनेजर अभिनव सिंघल द्वारा लगाए गए आरोपो को झूठा बताया, उन्होंने कोर्ट में कहा कि उन्हें फसाया जा रहा है। लेकिन कोर्ट में यह साबित नहीं कर पाए। कोर्ट ने कहा कि धनंजय सिंह ऐसा कोई भी सबूत कोर्ट के सामने नहीं पेश कर पाए है, जो ये साबित करता हो कि उन्हें किसी साजिश में फंसाया गया है। संजय सिंह कोर्ट में यह भी नहीं बता पाए है कि आखिर किसने उन्हें इस साजिश में फसाया है।
हो सकती है 10 साल की सजा
वाराणसी सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व चेयरमैन एडवोकेट विवेक शंकर तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि किडनैपींग के मामले में 10 साल तक के सजा का प्रावधान है। साथ ही रंगदारी में भी 10 साल की सजा और जुर्माना दोनों का ही प्रावधान है।
जौनपुर की जिला अदालत आज यह फैसला लेगी कि जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी को कितने साल की सजा होगी।