उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की भरमार लगभग हर जिले में है। अयोध्या जनपद में भी संचालित हो रहे कुल 145 मदरसों में से 55 ऐसे मदरसे हैं, जिनकी मदरसा शिक्षा बोर्ड को खबर ही नहीं है। यूं कहे कि इनमें क्या पढ़ाया जा रहा है
, पढ़ने वाले शिक्षक की योग्यता क्या है और इनका सिलेबस क्या है कुछ भी नहीं पता। अब जाहिर है इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य भी इन मदरसों की तरह गुमनामी की अंधेरे में है। 2017 में मदरसा पोर्टल बनने के बाद से ही इनकी जांच हो रही है। यह जांच 2022-23 में भी हुई थी और अब एक बार फिर हो रही है लेकिन होहल्ला के बीच इनपर कार्रवाई का शिकंजा कब कसेगा यह सोचनीय प्रश्न है।
आपको बता दें कि अयोध्या जनपद में 2023 में मदरसों को लेकर शासन स्तर पर एक सर्वे कराया गया था। जिसमें कुल 145 मदरसों के संचालन की संख्या निकलकर आई थी। इनमें लगभग 16500 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। इन मदरसों में से 55 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त पाए गए थे। जिसमें पढ़ने वाले छात्रों की बात करें तो यह लगभग 2500 बताई गई। इसमें सदर तहसील में 9, रुदौली तहसील में 21 , सोहावल तहसील क्षेत्र में 9, बीकापुर तहसील में 6 और मिल्कीपुर तहसील में 10 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त पाए गए। गैर मान्यता प्राप्त अधिकतर मदरसों में दीनी तालीम ही दी जाती है।
अमित कुमार सिंह, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने बताया कि 145 कुल मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। जिसमें से आठ अनुदानित मदरसे हैं। जिनके शिक्षकों को सरकार नियमित वेतन देती है। समय-समय पर मदरसों की जांच भी कराई जाती है। 2017 में जब मदरसा पोर्टल बना था तब सभी अनुदानित और मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच हुई थी। इस संबंध में आपको यह भी अवगत कराना है कि पिछले वित्तीय वर्ष में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की भी जांच हुई है। ऐसे मदरसे जो मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं थे। जनपद अयोध्या में उनकी संख्या 55 निकलकर सामने आई थी, वह रिपोर्ट पिछले बार शासन को भेज दी गई थी। पिछले महीने भी अनुदानित मदरसों की जांच को लेकर एक पत्र आया है। निर्धारित प्रारूप पर उसकी जांच पूरी कर ली गई है। वह रिपोर्ट भी जल्दी ही निदेशालय को प्रेषित कर दी जाएगी।
अयोध्या जनपद का अल्पसंख्यक विभाग भी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच रिपोर्ट शासन को भेजने के बाद पिछले एक वर्ष से ऊपर के आदेश का इंतजार कर रहा है। अनुदानित मदरसों की भी जांच पूरी हो गई है और वह भी शासन को भेजी जा रही हैं। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी ने बताया कि जो 55 हैं, वह तो गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, उनकी रिपोर्ट पिछले वर्ष भेज दी गई थी। जहां तक अनुदानित मदरसों की बात है उसकी जांच पूरी कर ली गई है। मदरसों के लिए मदरसा नियमावली है अगर उसके अनुसार संचालित नहीं है या मानक के अनुरूप कमियां पाई जाती है तो निश्चित रूप से उसकी रिपोर्ट निदेशालय और शासन को प्रेषित कर दी जाएगी और आवश्यक जो भी दिशा निर्देश आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।