UP Police Constable Exam paper Leak: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में मेरठ यूनिट STF ने पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है। 900 पन्नों की चार्जशीट में 18 लोगों को आरोपी बनाया गया है। मास्टरमाइंड रवि अत्री और राजीव नयन मिश्रा समेत लॉजिस्टिक्स कंपनी TCI Express के कर्मचारी शिवम गिरी और दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल का नाम भी एसटीएफ की चार्जशीट में शामिल है। बता दें, कांस्टेबल विक्रम पहल ने ही अभ्यर्थियों को पेपर बेचा था। इसके लिए मोटी रकम भी वसूली थी।
यूपी एसटीएफ मेरठ यूनिट ने कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में FIR दर्ज कराई थी। कंकरखेड़ा थाने में मुकदमा अपराध संख्या 166/2024 420, 467, 468, 471, 120-बी और 3/4/ 7/8/9 सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) में दर्ज किया गया। इसके बाद एसटीएफ ने एक के बाद एक सभी आरोपियों की धड़पकड़ शुरू कर दी। एसटीएफ ने रवि अत्री, विक्रम पहल, राजीव नयन मिश्रा, डॉ शुभम मंडल, शिवम गिरी, रोहित, अभिषेक शुक्ला समेत कुल 18 आरोपियों की गिरफ्तारी की।
कौन है मास्टरमांइड राजीव नयन मिश्रा?
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड का मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा है। यूपी पुलिस पेपर लीक कांड में गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने कई चौकानें वाले खुलासे किये। आरोपी ने पुलिस को बताया कि इससे पहले भी वह कई परीक्षाओं के पेपर लीक करा चुका है। उसने बताया कि वह पहले भी SSC MTS का पेपर लीक करा चुका है।
पेपर लीक कराने वाले गैंग के मास्टरमांइड राजीव ने पुलिस की पूछताछ के दौरान बताया कि SSC की परीक्षा में एक कैंडिडेट से 7.50 लाख रुपये लेकर उसकी जगह पेपर देकर दो एग्जाम पास कराए थे, लेकिन वेरिफिकेशन के दौरान बायोमैट्रिक जांच में फिंगर प्रिंट मैच न होने की वजह से वह फंस गया और उसे बाहर कर दिया गया।
पहली बार राजीव नयन को साल 2021 में TET पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद ग्वालियर और दिल्ली पुलिस ने आरोपी राजीव को मध्य प्रदेश में संविदा स्टाफ नर्स भर्ती का पेपर लीक कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस बीच सॉल्वर गैंग के मास्टरइंड राजीव नयन ने करोड़ो की कमाई की। एसटीएफ उसके बैंक खाते की जांच पड़ताल कर रही है।
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कौन है रवि अत्रि ?
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले का दूसरा मास्टरमाइंड है रवि अत्रि। यूपी एसटीएफ की टीम ने गौतमबुद्धनगर के थाना जेवर के बस स्टैंड के पास से पकड़ा था। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि मामले का मुख्य आरोपी रवि अत्री जेवर थाना क्षेत्र के बस स्टेशन पर आने वाला है। इस पर एसटीएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर बस स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में रवि अत्रि ने बताया कि वह साल 2006 में गौतमबुद्ध नगर के इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद मेडिकल की तैयारी के लिए कोटा, राजस्थान चला गया था। वहां जाकर परीक्षा माफियाओं के संपर्क में आने के बाद अलग-अलग परीक्षाओं में सॉल्वर बनकर बैठने लगा। आरोपी के पास से तीन प्रश्न पत्र, एक मोबाइल, एक पेन ड्राइव और एक मेट्रो कार्ड बरामद हुआ था।
जानें पूरा मामला
दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा 18 फरवरी को आयोजित हुई थी। 60 हजार से अधिक पदों पर यह भर्तियां निकाली गई थी। इन्हें देने के लिए सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार तक से युवा आए थे। इसके कुछ ही दिन बाद पता चला था कि परीक्षा के पेपर लीक हुए थे। ऐसे में योगी सरकार ने दोबारा एग्माज कराने की बात कही थी। साथ ही इस मामले की गंभीरता से जांच के लिए एक स्पेशल टीम का भी गठन किया गया था।